उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी पर बोले मौलाना, युवाओं को गुमराह कर रहे कट्टरपंथी संगठन

यूपी के बरेली जिले में जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी का जुलूस सीमित संख्या में लोगों की मौजूदगी में निकाला गया. इस बार कोरोना के चलते ईद मिलादुन्नबी के मौके पर पैदल जुलूस नहीं निकाला गया. वहीं इस दौरान जुलूस में 25 कारें और 50 बाइकें शामिल रहीं.

जश्ने ईद मिलादुन्नबी का निकाला गया जुलूस
जश्ने ईद मिलादुन्नबी का निकाला गया जुलूस

By

Published : Oct 29, 2020, 11:00 PM IST

बरेली: जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी का जुलूस बड़े ही शान-ए-शौकत के साथ सीमित संख्या में लोगों की मौजूदगी में निकाला गया. हर साल ईद मिलादुन्नबी के मौके पर शहर के अलग-अलग स्थानों में जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला जाता था. जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होते थे. इस बार करोना के प्रकोप के चलते ईद मिलादुन्नबी के मौके पर पैदल जुलूस नहीं निकाला गया. वहीं जुलूस के लिए जिला प्रशासन द्वारा 50 बाइक और 25 कारों की ही परमिशन दी गई थी.

जुलूस में 25 कारें और 50 बाइक
गुरुवार को शाम 6:00 बजे जुलूस-ए-मोहम्मदी का आगाज हुआ. जुलूस की कवायत दरगाह तहसीनिया के सज्जादा नशीन मौलाना हस्सान रजा खान ने की. मुन्ना खान के नीम से जुलूस शुरू होकर मीरा की पैड से होते हुए जगतपुर, काकर टोला होते हुए सीधा शाहदाना रोड और वहां से शहामतगंज, दरगाह आला हजरत होते हुए वापस मुन्नाथखान के नीम पर पहुंचा. जुलूस की व्यवस्था के लिए कमेटी वॉल्टियर लगाए गए. इस बात का ध्यान रखा गया कि जुलूस में कोई दूसरे वाहन शामिल न हो सके. जुलूस में 25 कारें और 50 बाइक शामिल हुई. इस बार जुलूस को पैदल नहीं निकाला गया.

उलेमा अंजुमन खुद्दाम-ए-रसूल दरगाह के लोग हुए शामिल
इस बार दरगाह आला हजरत के पदाधिकारियों ने तय किया कि इस बार जुलूस की रवायत भी कायम रहे और कोविड-19 का पालन करते हुए जुलूस पैदल न निकाल कर इस बार कार और बइक से निकाला जाएगा. इस जुलूस में उलेमा अंजुमन खुद्दाम-ए-रसूल दरगाह के लोग शामिल हुए.

जुलूस-ए-मोहम्मदी के मौके पर तंजीम उलमा-ए-इस्लाम राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि देश भर में कई कट्टरपंथी संगठन और उनके राजनीतिक संगठन इस्लाम और मुसलमानों के नाम पर देश भर में गलतफहमी फैलाकर मुस्लिम युवाओं को गुमराह करने का काम कर रहे हैं. इस तरह के कट्टरपंथी संगठन युवाओं को गुमराही की तरफ ले जाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं. हम तमाम सुन्नी सूफी मुसलमानों से अपील करते हैं कि वह अपने बच्चों पर गहरी नजर रखें. उनकी सामाजिक गतिविधियों पर रोजाना की गतिविधियों पर नजर रखें. बच्चों को सूफियों के बताए रास्ते पर चलने की सीख दे. इससे आने वाली पीढ़ी कट्टरपंथी विचारधारा से बच सके.

ABOUT THE AUTHOR

...view details