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एंटीबॉडी और इम्युनिटी लेवल परखने के लिए ICMR का सर्वे पूरा - नेशनल जालमा इंस्टीट्यूट फॉर लेप्रोसी एंड अदर माइक्रो बैक्टीरियल डिजीज

सोमवार को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की 16 सदस्यीय एक टीम बरेली पहुंची थी. यहां 3 दिन रही टीम ने अलग-अलग इलाकों में सर्वे कर ब्लड सैम्पल्स कलेक्ट किये हैं. आईसीएमआर के सीरो सर्विलांस में उन इलाकों को प्राथमिकता दी गई, जहां पर कोरोना संक्रमितों की संख्या अधिक रही है.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च टीम ने किया सर्वे.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च टीम ने किया सर्वे.

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Published : Dec 31, 2020, 2:15 AM IST

बरेली : कोरोना संक्रमण को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की टीम देश में अलग-अलग स्थानों पर सर्वे कर रही है. बरेली में भी ICMR की एक 16 सदस्यीय टीम ने थर्ड स्टेज सीरो सर्विलांस के जरिये सर्वे किया है. तीन दिन तक बरेली में रही सर्विलांस टीम से ईटीवी भारत ने सर्वे को लेकर एक्सक्लुसिव बातचीत की.

दरअसल इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की टीम के द्वारा सीरो सर्विलांस के लिए बरेली को चुना गया था. इसके पहले भी ICMR की टीम ने बरेली में सर्वे किया था. अब फिर एक बार बरेली जिले में थर्ड स्टेज सीरो सर्विलांस के लिए यहां 3 दिन रही टीम ने अलग-अलग इलाकों में सर्वे कर ब्लड सैम्पल्स कलेक्ट किये हैं.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च टीम ने किया सर्वे.

जिले में सर्वे का काम पूरा

कोरोना का जिले पर कितना असर हुआ है. यही परखने के लिए सरकार की तरफ से ICMR के विशेषज्ञों ने अलग-अलग स्थानों पर शहरी इलाकों के साथ ही देहात क्षेत्र में भी लोगों के रक्त के नमूने लिए हैं. इसके साथ ही एंटीबॉडी और इम्युनिटी लेवल परखने के लिए बरेली जिले में सर्वे कार्य पूर्ण कर लिया है. गौरतलब है कि सोमवार को 16 सदस्यीय एक टीम बरेली पहुंची थी.

खास बात यह है कि आईसीएमआर के सीरो सर्विलांस में उन इलाकों को प्राथमिकता दी गई, जहां पर कोरोना संक्रमितों की संख्या अधिक रही है. टीम लीडर डॉक्टर गणेश मेहता ने बताया कि जब जांच रिपोर्ट आएगी तो उससे अंदाजा लगाया जा सकेगा कि कितने लोगों में एंटीबॉडी और वो भी कितने प्रतिशत बन चुकी है. साथ ही जो लोग स्वस्थ रहे हैं, उनके जो सैंपल लिए गए हैं, उनके इम्यूनिटी लेवल का भी पता लग सकेगा.

औरैया और उन्नाव में भी होगी सर्वे
जिले में वायरस की वास्तविक स्थिति का आंकलन करने और लोगों का इम्यून सिस्टम, एंटीबॉडी का स्तर पता करने की जिम्मेदारी आईसीएमआर ने तीसरे चरण में आगरा की नेशनल जालमा इंस्टीट्यूट फॉर लेप्रोसी एंड अदर माइक्रो बैक्टीरियल डिजीज (NJIL & OMD) को दी है. जिसके बाद बरेली, औरैया और उन्नाव में सर्वे किया जाना था. बरेली में 500 सैम्पल कलेक्ट कर बुधवार को टीम अब उन्नाव जनपद के लिए रवाना हो गई.

100 स्वास्थ्यकर्मियों के भी लिए गए ब्लड सैम्पल
जांच टीम को लीड कर रहे डॉक्टर गणेश ने बताया कि बरेली जिले में अलग-अलग 10 लोकेशन से सैम्पलिंग की गई है. ब्लड सैम्पल्स को आगरा भेजा गया है और वहां होने वाली आवश्यक जांच के बाद चेन्नई में भी कुछ जांच होनी है, वहां भी उन्हें भेजा जाएगा. इस बार सौ सैम्पल स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों और चिकित्सीय सेवा देने वाले डॉक्टर्स से लेकर अन्य स्टाफ के भी लिए गए हैं.

पिछले सर्वे के दौरान लिए गए थे 400 सैम्पल
उन्होंने बताया कि 3 माह पूर्व भी 400 ब्लड सैम्पल लिए गए थे, उनसे तुलनात्मक अध्ययन करना है. साथ ही ये भी देखना है कि इम्युनिटी लेवल कहां है. साथ ही जो एंटीबॉडी हैं उनका लेवल क्या है. डॉक्टर गणेश ने बताया कि पूर्व में 400 नमूने लिए गए थे, जबकि इस बार 100 नमूने हेल्थवर्कर्स के भी लिए गए हैं.

माइनस 18 डिग्री टेम्परेचर में भेजे गए हैं सैम्पल
ICMR की टीम के विशेषज्ञों में से एक गनी आफरीदी ने बताया कि सैम्पल को सुरक्षित लैब तक पहुंचाने के लिए माइनस 18 डिग्री टेम्परेचर मेंटेन रहना अनिवार्य होता है. इसके लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं.

इम्युनिटी लेवल से लेकर एंटीबॉडी में आये उतार-चढ़ाव का चलेगा पता
इस दौरान जिन लोगों के सैम्पल लिए गए हैं, उनसे कुछ सवाल भी कोई गए. जैसे अगर उन्हें कोरोना हुआ तो क्या लक्षण तब उनमें थे और स्वस्थ लोगों से भी कोरोना काल में स्वास्थ्य से जुड़े सवाल किए गए हैं. माना जा रहा है कि जनवरी के अंत तक कोविड कि वैक्सीन उपलब्ध होगी. उससे पहले ICMR भी ब्लड सैम्पल की रिपोर्ट उपलब्ध करा देगा.

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