बरेलीःजिले के सुभाष नगर में रहने वाले राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत्त शिक्षक गोवर्धन लाल श्रीवास्तव से शातिरों ने 34 लाख रुपये ठग लिए. ठगी की इस घटना को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने इलाहाबाद के स्वरूपरानी हॉस्पिटल के कमरे का इस्तेमाल किया. पीड़ित ने मामले में मुकदमा दर्ज कराया है.
जानें पूरा मामला
सेवानिवृत्त शिक्षक गोवर्धन लाल श्रीवास्तव को कुछ शातिरों ने उनके पोते और पोती का एमबीबीएस में एडमिशन कराने का झांसा दिया. शातिरों ने कहा कि वह मोतीलाल नेहरू कॉलेज इलाहाबाद और बांदा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करा देंगे. इस काम में करीब 34 लाख रुपए लगेंगे.
प्रयागराज में मीटिंग
एडमिशन के लिए बकायदा प्रयागराज में मीटिंग हुई. यहां स्वरूपरानी हॉस्पिटल के एक कमरे को किराए पर लेकर ठगी के लिए इस्तेमाल किया गया. ठगों ने पीड़ितों को वहां ले जाकर विश्वास में लिया. इसी कारण मामले में अस्पताल के कर्मचारियों की संलिप्तता भी सामने आ रही है क्योंकि जिस कमरे में ठगी की गई वह लॉकडाउन में बंद किया गया था. आशंका है कि आरोपियों ने अस्पताल में सांठगांठ कर उसे खुलवाकर वारदात को अंजाम दिया.
इनके खिलाफ रिपोर्ट
मामले में गोवर्धन लाल श्रीवास्तव के पौत्र अंकित श्रीवास्तव ने थाना सुभाषनगर में इलाहाबाद के स्वरूपरानी बख्शी हॉस्पिटल के पल्मनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. हर्षवर्धन, डॉ. एसके शर्मा, नोएडा सेक्टर 62 आई थंब टावर निवासी सचिन, पंकज खटीक, आदेश, वीरेंद्र और दो अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है. अंकित ने बताया कि स्वरूपरानी हॉस्पिटल के जिस कमरे में उन्हें ले जाकर फर्जीवाड़ा किया गया, वह कमरा कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में बंद कर दिया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि वहां के स्टाफ की सांठगांठ से आरोपियों ने उस कमरे को खुलवा लिया और वहां फर्जी व्यक्तियों को डॉ. हर्षवर्धन और डॉ. एसके शर्मा बनाकर बैठा दिया. इससे वह आसानी से ठगी के शिकार हो गए.
एडमिशन कैंसल होने का किया बहाना
अंकित के मुताबिक आरोपियों ने कोर्ट केस का हवाला देकर मोतीलाल नेहरू कॉलेज के सारे एडमिशन कैंसिल होने की बात कही. इस पर उन्होंने आरोपियों से रुपये वापस मांगे तो वे लोग बहाना बनाने लगे. फिर नेशनल मेडिकल काउंसिल में ऊंचे संबंधों का हवाला देकर बाद में काम कराने की बात कही. फिर गायब हो गए.
वहीं सुभाष नगर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करके जल्द से जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है, वहीं एसपी ट्रैफिक जो एसपी सिटी के काम को संभाल रहे हैं, उन्होंने बताया कि अस्पताल के कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कराई जाएगी. जो दोषियों के नाम मिले हैं, उन लोगों के नाम विवेचना में सम्मिलित कर कार्रवाई की जाएगी.