बरेलीःकोरोना की दूसरी लहर के दौरान निजी अस्पतालों ने आपदा को अवसर बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी. मरीजों को परेशानी हुई तो उनकी जेबें भी निजी अस्पतालों ने खूब काटी. ऐसे ही दो लापरवाह अस्पताल संचालकों के खिलाफ बरेली मंडल के कमिश्नर के आदेश पर अब मुकदमा दर्ज हुआ है.
कमिश्नर के आदेश पर दो निजी अस्पताल संचालकों पर FIR, जानें क्या है मामला
यूपी के बरेली में कोविड काल में मरीजों से मनमाने ढंग से पैसे वसूलने और लापरवाही बरतने के आरोप में अब दो निजी अस्पताल संचालकों के खिलाफ कमिश्नर के आदेश पर FIR दर्ज की गई है.
जिले के दर्पिन हॉस्पिटल पर आरोप है कि कोविड काल के दौरान मरीजों से जमकर वसूली की और तीमारदारों के साथ बदसलूकी भी की थी. वहींं अपेक्स हॉस्पिटल पर में स्टाफ ने कोविड मरीज का शव तक भी बदल दिया था. डेडबॉडी बदलने पर मृतक के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया थाय इतना ही नहीं आयुष्मान कार्ड धारकों से भी पैसे मांगने जैसे गम्भीर आरोप भी इन निजी अस्पतालों पर लगे थे.
ये मामले तब काफी तूल पकड़े थे. जिसके बाद बरेली के अपेक्स हॉस्पिटल और दर्पिन हॉस्पिटल के खिलाफ बिथरी चैनपुर से भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने कमिश्नर से शिकायत की थी. इसके बाद बरेली मंडल के कमिश्नर ने डीएम नीतीश कुमार को मामले की जांच के आदेश दिये थे. डीएम नीतीश कुमार को अब एसडीएम सदर की तरफ से पूरे मामलों की जांच कर रिपोर्ट सौपी गई है. जांच में आरोप सही पाए जाने पर दोनों अस्पतालों के खिलाफ इज्जतनगर थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है. सीएमओ डॉ. बलवीर सिंह ने बताया कि दोंनो अस्पताल संचालकों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज करवाई गई है.
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बता दें कि 23 अप्रैल को कटरा चांद खां के महेश कुमार गुप्ता की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनको अपेक्स हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया था. परिजनों को हॉस्पिटल का सभी बिल जमा करने के बाद ही बॉडी दी गई थी. इतना ही नहीं शर्त रखी गई थी कि कोई डेडबॉडी को खोल के नहीं देखेगा. लेकिन बॉडी हल्की होने पर परिजनों ने खोल के देखा था, तो बॉडी महेश की नहीं बल्कि किसी वृद्ध व्यक्ति की थी. इसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया था.