बरेली:जिले में कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. जिला अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. वैक्सीन लगवाने के लगभग 19 दिन बाद उन्हें कुछ समस्या आई तो उन्होंने आरटीपीसीआर टेस्ट कराया. इस टेस्ट में वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए.
वैक्सीनेशन के बाद हुआ कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद डॉक्टर कोरोना पॉजिटिवजिला अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर की आरटी पीसीआर रिपोर्ट मंगलवार को कोरोना पॉजिटिव आई और उनकी पत्नी भी संक्रमित पाई गई हैं. दपंती को कोविड L- 3 अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि डॉक्टर की ड्यूटी पैथोलॉजी विभाग में थी. इस वजह से कोरोना जांच लैब में उनका आना-जाना रहता था. माना जा रहा कि यहीं से वह किसी संक्रमित के संपर्क में आ गए. हालांकि, डॉक्टर ने 22 जनवरी को जिला अस्पताल में पहले चरण के वैक्सीनेशन के दौरान वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी.
डॉक्टर ने ली थी एक ही डोजः सीएमओइस मामले में सीएमओ सुधीर कुमार गर्ग का कहना है कि वैक्सीन का असर तत्काल नहीं होता. कोविड संक्रमण के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी पहली और दूसरी डोज लगवानी जरूरी होती है. इसके बावजूज कोविड संक्रमण से बचाव के लिए सभी एहतियात का पालन करना जरूरी है. कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन की दो डोज लेना जरूरी है, लेकिन डॉक्टर ने एक ही डोज ली थी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर को को-वैक्सीन की डोज दी गई थी. को-वैक्सीन को भारत बायोटेक ने बनाया है. वहीं टीका लगाने में अमेरिका सहित पूरी दुनिया से सबसे आगे भारत है. आम लोगों में उत्साह न देखते हुए खुद पीएम मोदी भी वैक्सीन लगवाने के लिए अपील कर चुके हैं.