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प्रशासन की पहल से इंडस्ट्रियल हब की तरफ बढ़ा बरेली

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Published : Mar 19, 2021, 12:23 PM IST

बरेली में जिला प्रशासन ने नव उद्यमियों को नए उधोग लगाने के लिए बेहतर माहौल देने की कोशिश करते हुए भूखंड का आवंटन किया जा रहा है. बरेली जिले में उद्योग विभाग ने बंद पड़ी किसान जैम फैक्ट्री के 32 भूखंडों का आवंटन नए उद्योग लगाने के लिए नव उधमियों को कर दिया है.

प्रशासन की पहल से इंडस्ट्रियल हब की तरफ बढ़ा बरेली
प्रशासन की पहल से इंडस्ट्रियल हब की तरफ बढ़ा बरेली

बरेली: बरेली में नव उधमियों को जिला प्रशासन इकाई लगाने को जमीन भी आवंटित कर रहा है. खास बात ये है कि जिले के भोजीपुरा क्षेत्र में जहां उधमियों को भूखंड आवंटित किए जा रहे हैं, वो इंडस्ट्री कभी देश के भगोड़े एक बड़े कारोबारी की फैक्ट्री हुआ करती थी. अब जिला प्रशासन उस जमीन को अलग अलग भूखंडों में उद्यमियों को दे रहा है.

प्रशासन की पहल से इंडस्ट्रियल हब की तरफ बढ़ा बरेली
उद्योग विभाग ने समाप्त कर दी थी लीजकरीब एक साल पहले यह फैक्ट्री एक बड़ी कम्पनी से उद्योग विभाग ने बड़े ही तकनीकी दांवपेचों के बाद वापिस ले ली थी. बता दें कि बरेली में जिला प्रशासन ने नव उद्यमियों को नए उधोग लगाने के लिए बेहतर माहौल देने की कोशिश करते हुए अब इस भूखंड का आवंटन किया जा रहा है.संयुक्त आयुक्त उद्योग ऋषि रंजन ने बताया कि काफी प्रयास के बाद उद्योग विभाग बंद फैक्ट्री की जमीन अपने कब्जे में ले पाया है. राज्य सरकार के निर्देश पर स्थानीय उद्योग विभाग के अधिकारियों ने फैक्ट्री के मौजूदा मालिक को नोटिस जारी कर भूखंड कैंसिल करने की प्रक्रिया शुरू की थी. बताते हैं कि विजय माल्या ने सबसे पहले फैक्ट्री ब्रुक बांड को बेची थी, बाद में ब्रुक बांड ने लिप्टन कंपनी को फैक्ट्री बेच दी थी. इसके बाद लिप्टन ने किसान जैम फैक्ट्री, हिंदुस्तान लीवर को दी थी. एक साल पहले उधोग विभाग ने पुनः वापिस ले लिया था.ऋषि रंजन ने बताया कि पिछले साल हिंदुस्तान युनिलीवर नामक कम्पनी के पास थी. उन्होंने बताया कि इस जमीन को कंपनी किसी और को ट्रांसफर करने की फिराक में थी. लेकिन जिला उधोग केंद्र ने ऐसा नहीं होने दिया और पिछले वर्ष 2020 में इस फेक्ट्री को पुनः वापिस लीज समाप्त करते हुए हांसिल कर लिया था.किये जा रहे भूखंड आवंटितउन्होंने बताया कि अब यहां नए उधोग लगाए जाएं, इस दिशा में डीएम के निर्देश पर जो लोग इंडस्ट्री लगाना चाहते हैं, ऐसे लोगों को भूखंड आवंटित किए जा रहे हैं. ताकि जिले में स्वरोजगार के साथ साथ खाली हाथों को काम मिल सके.

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