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दीक्षांत समारोह में के पीजी, यूजी और पैरामेडिकल के 216 विद्यार्थियों को मिली डिग्रियां

बरेली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के दीक्षांत समारोह में 216 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं. जबकि श्रेष्ठ शैक्षिक प्रदर्शन करने वाले 35 विद्यार्थियों को ट्राफी के साथ सर्टिफिकेट देकर प्रोत्साहित किया गया.

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Published : Jul 1, 2023, 9:38 PM IST

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बरेलीः एसआरएमएस इंस्टीट्यूट का शनिवार को दसवां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. जिसमें मेडिकल साइंस, पैरामेडिकल और मेडिकल के 216 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं. श्रेष्ठ शैक्षिक प्रदर्शन करने वाले मेडिकल और पैरामेडिकल के 35 विद्यार्थियों को भी ट्राफी के साथ सर्टिफिकेट दिए गए. मेडिकल में पीजी की डॉ. सारा रिजवी और एमबीबीएस में डा.सिद्धार्थ तनेजा को बैच में टॉपर होने पर श्रीराममूर्ति गोल्ड मेडल व 51 हजार रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

एसआरएमएस कॉलेज का दीक्षांत समारोह
समारोह की अध्यक्षता एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने की. जबकि संबोधन लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. (लेफ्टिनेंट जनरल) बिपिन पुरी ने दिया. उन्होंने विद्यार्थियों को मानवसेवा के लिए प्रेरित किया. विशिष्ट अतिथि के रूप में विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित पूना स्थित आर्म्ड फोर्स मेडिकल कालेज के निदेशक व कमांडेंट डा. (लेफ्टिनेंट जनरल) नरेंद्र कोतवाल ने विद्यार्थियों को अपने प्रोफेशन के दौरान ईमानदारी बरतने का संदेश दिया.
मेधावी छात्रा डिग्री लेते हुए
इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक, चेयरमैन देवमूर्ति ने विद्यार्थियों को मेहनत करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि कोई भी मंजिल मेहनत से हासिल की जा सकती है. ऐसे में अपने सपने साकार करने के लिए पर्याप्त परिश्रम जरूरी है. एसआरएमएस कॉलेज आफ इंजीनियिंग एंड टेक्नोलॉजी के शतिक प्रेक्षागृह में दीक्षांत समारोह का दस बजे आरंभ हुआ. दीक्षा समारोह का संचालन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में ह्यूमिनिटीज की फैकेल्टी रुचि शाह ने किया. उन्होंने एसआरएमएस ट्रस्ट और इसके संस्थानों से परिचित कराया. सरस्वती वंदना और संस्थान गीत के बाद संस्था के चेयरमैन देवमूर्ति ने अतिथियों और विद्यार्थियों के परिजनों का स्वागत किया.
शपथ लेते विद्यार्थी

उन्होंने कहा कि आज का दिन सपनों को साकार होते देखने का दिन है. बच्चों को डॉक्टर बनते देखने का सपना आज संभव हुआ है. यह विद्यार्थियों की साढ़े छह वर्ष की कड़ी मेहनत का नतीजा है. सबने यहां पर विश्वस्तरीय उपकरणों के जरिये और सर्वश्रेष्ठ गुरुओं से शिक्षा हासिल की है. इसका मान बनाए रखना अब आपकी जिम्मेदारी है. केजीएमयू के वाइस चांसलर ने दीक्षा समारोह को मेडिकल प्रोफेसन की यात्रा का पहला चरण बताया. उन्होंने कहा कि यह जिंदगी भर सीखने और मेहनत करने का क्षेत्र है. मानवसेवा की वजह से ही चिकित्सकों को सम्मान हासिल होता है.

लेकिन पिछले कुछ वर्षों से चिकित्सकों का सम्मान लगातार घटता जा रहा है. इसकी वजह चिकित्सकों का मानवसेवा से पीछे हटना और पैसे को प्राथमिकता देना है. जो भी व्यक्ति इस पेशे को निस्वार्थ भाव से मानवसेवा के रूप में अपनाता है, समाज में उसे आज भी सम्मान हासिल होता है. आप भी लोगों की सेवा को प्राथमिकता दें और समाज कल्याण में आगे आएं. हालांकि, ऐसा करना आसान नहीं होगा, मुश्किलें भी काफी आएंगी. लेकिन खुद पर भरोसा होने से रोज रोज की चुनौतियों का सामना करना आसान हो जाएगा. खुद पर भरोसा रखें और लगातार सीखते रहें आप भविष्य में अच्छे चिकित्सक बन जाएंगे.

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