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महिला दिवस : बरेली की ये महिलाएं बताती हैं कि कैसे हर क्षेत्र में महिला हो सकती हैं सशक्त

आज के दिन दुनियाभर में महिला दिवस मनाया जा रहा है. दुनिया भर में अलग-अलग क्षेत्रों में किए गए कार्यों और उनके योगदानों को याद किया जाता है. वहीं बरेली में भी कुछ महिलाएं ऐसी हैं जो बताती हैं कि कैसे किसी भी क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से कम नहीं हैं.

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Published : Mar 8, 2019, 8:47 PM IST

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बरेली : हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. इस दिन महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और उनके उत्कृष्ट कार्यों को याद किया जाता है. वहीं महिला दिवस के इस खास मौके पर ईटीवी भारत ने बरेली में सम्मान पात्र कुछ चुनिंदा महिलाओं से बात की, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल किया है.

महिला दिवस पर बरेली में महिलाओं से खास बातचीत.


ईटीवी ने बरेली की उनसे बात की जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से महिलाओं के लिए काम कर रही हैं. बहुत सारी महिलाएं इनको देख कर अपने अंदर आगे बढ़ने की ताकत ला रही हैं और समाज में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं.


अमिता अग्रवाल बरेली शहर की जानी मानी महिला हैं. इन्होंने महिलाओं के लिए बहुत सारे काम किए हैं और महिलाओं को सक्षम करने के लिए अपनी एनजीओ एक उम्मीद के माध्यम से 800 महिलाओं को हुनरमंद बनाया है. इनके एनजीओ में कढ़ाई ,सिलाई, बुनाई ,ब्यूटीशन ,मेहंदी जैसे कोर्स फ्री ऑफ कॉस्ट सिखाया जा रहे हैं ताकि यह महिलाएं आगे चल कर समाज में अपना नाम कर सके और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.


अमिता अग्रवाल का कहना है महिलाएं अपने आप को कभी कम ना समझे जिस भी फील्ड में जाएं. अपने बल से इस देश में अपने आप को साबित करें. वहीं शहर में नई आई बरेली विकास प्राधिकरण की बीसीए दिव्या मित्तल महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं. इन्होंने बीटेक आईआईटी दिल्ली और एमबीए आईआईएम बेंगलुरु से किया. इसके बाद लंदन में जाकर बैंक में इन्होंने नौकरी की. नौकरी करने के समय इनको देश के लिए कुछ करने का ख्याल आया और यह भारत लौट के आ गई.


यहां पर आकर इन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी की. सिविल सर्विस की तैयारी के दौरान इनका आईपीएस में चयन हो गया. कई लोगों ने इनको डिसकैरेज क्या एक महिला होने के नाते आईपीएस बहुत कठिन होगा आपके लिए मगर उन्होंने एक चुनौती के तौर पर इसको लिया. इनका मानना है आईपीएस होने के नाते आप महिलाओं के सशक्तिकरण में बहुत सारे काम कर सकते हैं. आईपीएस ज्वाइन करते टाइम ही उनका सिलेक्शन आईएएस में हो गया.


दिव्या मित्तल जी का कहना है महिलाओं के लिए ऐसा कोई भी कार्य नहीं है जो आप कर ना सके अपने और अपने बल पर भरोसा रखें. पूरी धरती पृथ्वी को संचालित करने वाली महिलाएं ही हैं. भारत में आमतौर पर यह कम ही देखा जाता है कि महिलाओं के लिए कोई दिन खुशी भरा हो. इसलिए महिला दिवस पर देश के सभी लोग महिलाओं के प्रति विनम्र , प्यार और संवेदना दिखाएं और अपनी ताकत उन पर न थोपे.

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