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पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं ममता बनर्जी: सिद्धार्थ नाथ सिंह

यूपी के बरेली में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह रविवार को पहुंचे. इस दौरान उन्होंने यहां के विकास कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से वार्ता करते हुए CAB को देश के लिए जरुरी बताया. इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा.

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Published : Dec 15, 2019, 8:19 PM IST

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कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह

बरेली:नागरिकता संशोधन बिल का जो विरोध किया जा रहा है वह करवाया जा रहा है, देश की जनता को भृमित किया जा रहा है. इस बिल का विरोध विपक्ष के बड़े नेता करवा रहे हैं. यह बातें कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही. कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह रविवार को बरेली के दौरे पर पहुंचे थे.

कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना.

दरअसल, कुछ दिन पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह बरेली दौरे पर आये थे. उस समय निरीक्षण के दौरान जनपद के विकास कार्यों में कई खामियां मिली थीं. इस पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए दोबारा आकर निरीक्षण करने की बात कही थी, जिसके बाद आज वह इसी सिलसिले में जनपद पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से वार्ता भी की, जिसमें CAB के बारे में सवाल के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस बिल से देश के लोगों को बहुत फायदा होगा और देश में एक अलग ही विचार धारा का प्रवाह होगा.

क्या बोले कैबिनेट मंत्री
15 दिसंबर को बरेली पहुंचे लघु उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया. CAB पर बात करते हुए कहा कि कांग्रेस को इस बिल से नुकसान होगा. फतेहपुर में उन्नाव जैसी हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना के जिम्मेदार लोगों को कड़ा दंड मिलेगा. जब से योगी सरकार आई है तब से संगठित अपराध पर रोक लगी है. लचर कानून व्यवस्था बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के समय में थी, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है.

पाकिस्तान में 1 प्रतिशत रह गई है हिन्दुओं की संख्या
नागरिकता संशोधन बिल को आवश्यक बताते हुए लघु उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि जब भारत आजाद हुआ था तो बांग्लादेश और पाकिस्तान धर्म के आधार पर बना था. वहां पर जो अन्य धर्म के लोग हैं, चाहे वो हिन्दू , क्रिश्चयन, पारसी हों या सिख समाज के हों, उनकी संख्या पहले 1947 में पाकिस्तान में 22 प्रतिशत हुआ करती थी, जो अब केवल एक प्रतिशत ही रह गई है. जिस तरह से उनका उत्पीड़न हो रहा है, उसके लिए ये बिल बहुत लाभदायक है.




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