बरेली: जनपद में बुधवार को बीएसपी का प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस मौके पर बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि बीएसपी में ही सिर्फ ब्राह्मण पूरी तरह सुरक्षित हैं. उन्होंने समाजवादी पार्टी, भारतीय जनतापार्टी को ब्राह्मण विरोधी करार दिया. इसके साथ ही उन्होंने फिर एक बार कहा कि यूपी में बहुजन समाजपार्टी किसी से कोई गठबन्धन नहीं करेगी.
बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा पिछले कुछ समय से लगातार देखा जा रहा है कि प्रदेश में राजनीतिक दल ब्राह्मणों को रिझाने के लिए अलग अलग कार्यक्रम कर रहे हैं. बहुजन समाजपार्टी ने बुधवार को ग्यारहवें प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन किया. इस मौके पर बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने वर्तमान सरकार पर एक के बाद एक खूब आरोप लगाए. मंच से बोलते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों पर वर्तमान सरकार और पूर्व में सपा के शासनकाल में खूब हमले हुए हैं.
उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों का चुन चुनकर उत्पीडन किया गया है. सरकार के अयोध्या में विकास के दावे, मन्दिर निर्माण को लेकर तेजी के दावे पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से बखान किया जा रहा है उस तरह से धरातल पर अयोध्या में कहीं कोई परिवर्तन नजर नहीं आता. उन्होंने बताया कि बीएसपी शासनकाल में वृंदावन का विकास किया गया था, जबकि वो सरकार में नहीं हैं, लेकिन उसके बावजूद अयोध्या से अधिक विकास वृंदावन में देखा जा सकता है.
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पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी. किसी के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. इस मौके पर उन्होंने बिकरु कांड का जिक्र करते हुए कहा कि जिन लोगों पर सरकार ने ज्यादतियां की हैं, उनके लिए बीएसपी हर सम्भव लड़ाई लड़ेगी. इस दौरान पूर्व मंत्री नकुल दुबे, अंटू मिश्रा भी उनके साथ थे.
सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि ब्राह्मणों को जागने और जागरूक होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े कुछ भी हों, लेकिन यूपी में 13 प्रतिशत ब्राह्मण हैं जो कि करीब 3 करोड़ हैं. ऐसे में अगर सभी एकजुट हो जाएं तो चीजें उनके मुताबिक ही हो सकती हैं. कृषि कानूनों के मुद्दे पर भी बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव ने सरकार को घेरा. वहीं उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोजगार देने के दावे हवा-हवाई हैं, जबकि लोगों की नौकरियां जा रही हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार अपने चहेते उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने को कृषि कानून लेकर आई है. इससे किसान परेशान है. कृषि कानूनों को लेकर सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ईस्ट इंडिया कम्पनी की तरह ही काम कर रही है.