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बरेलवी मरकज ने वसीम रिजवी की किताब 'मोहम्मद' को लेकर जताया विरोध

सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिंक केंद्र दरगाह आलाहजरत बरेलवी मरकज के प्रचारक मौलाना सहाबुद्दीन बरेलवी ने वसीम रिजवी की किताब 'मोहम्मद' को लेकर विरोध जताया है.

दरगाह आलाहजरत
दरगाह आलाहजरत

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Published : Nov 7, 2021, 10:26 PM IST

बरेली: बरेली सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिंक केंद्र दरगाह आलाहजरत बरेलवी मरकज के प्रचारक मौलाना सहाबुद्दीन बरेलवी ने वसीम रिजवी की किताब 'मोहम्मद' को लेकर विरोध जताया है. मौलाना ने कहा कि मुस्लिम पैगम्बर इस्लाम की शान में गुस्ताखी हरगिज बरदाश्त नहीं कर सकता. सरकार से गुजारिश है कि इस किताब पर पाबंदी लगाई जाए.

शीया वक्फ बोर्ड का पूर्व चेयरमैन और मौजूदा सदस्य वसीम रिजवी ने पहले कुरान शरीफ की 26 आयातों को हाटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट गया. कोट ने उसको फटकार लगाई और 50 हाजार का जुर्माना लगाया. सुप्रीम कोर्ट से जलील व रुसवा होने के बाद अब दूबारा फिर पैगम्बरे इस्लाम की शान के खिलाफ किताब लिखी है. इस पर आल इंडिया तंजीम उल्माए इस्लाम ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

मौलाना सहाबुद्दीन बरेलवी
मौलाना शाहबुद्दीन ने कहा कि अभी ज्यादा दिन नहीं गुजरे थे कि गुस्ताखी रसूल नरसिंहा नंद ने गुस्ताखी की थी और उसका कड़ा विरोध मुसलमानों की तरफ से किया गया था फिर वसीम रिजवी ने हाल ही में नरसिंहा नंद के जरिए अपनी किताब का विमोचन करके फिर मुसलमानों का दिल दुखाया था. वसीम रिजवी ने जो किताब लिखी हैं वो न काबिलियत तसलीम है. किताब में पैगम्बर इस्लाम हुजूर की शान में बेपनाह गुस्ताखी की गई थी.

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दरगाह आला हजरत से जुडे संगठन तंजीम उल्माए इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने कहा की ये व्यक्ति इस्लाम का दुश्मन है. ये राजनीति के लोगों का खिलौना बना हुआ है. देश और विदेशों में पनप ‌रहे इस्लाम मुखालपत ताकते इसको इस्तेमाल कर रही हैं. ये चंद टकों के लिए इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ बोल रहा है. मौलाना ने आगे कहा कि इतिहास और मुस्लिम कौम इसको माफ नहीं करेगी. इसने पहले इसने कुरान शरीफ पर मुकदमा कायम करने का प्रयास किया, जिसमें पटखनी खानी पड़ी और अब पैगम्बरे इस्लाम की शान के खिलाफ किताब लिखकर खुद ही जलील और रूसवा हो गया है. इसने किताब में वो बातें लिखी हैं, जिसको हम अपनी जुबान से बयां नहीं कर सकते हैं. इसी किताब में पैगम्बरे इस्लाम की फर्जी तस्वीर छापी है. वसीम रिजवी को अभी ये नहीं मालूम है कि मुसलमान भूखा और प्यासा तो रह सकता है और अपने ऊपर हर तरह का अत्याचार बरदाश्त कर सकता है. लेकिन पैगम्बरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकता है.

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मौलाना शाहबुद्दीन रिजवी ने कहा कि इस किताब से करोड़ों मुसलमानों को ठेस पहुंची है. ये किताब अभी चंद लोगों के हाथों में है अगर पब्लिक में आएगी तो माहौल के खाराब होने का अंदेशा है. मुसलमानों के जज्बात भड़कने ‌का खतरा है, इसलिए हमारी सरकार से गुजारिश है कि इस किताब पर फौरन पाबंदी लगाई जाए और जितनी भी प्रतियां छपी हैं, उसको जब्त की जाएं.

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