बरेली:प्रदेश भर में एक साल के दौरान बरेली जोन तीन तलाक के केस में दूसरे स्थान पर रहा, जबकि मेरठ जोन में तीन तलाक के सबसे ज्यादा मामले एक साल में दर्ज हुए हैं. प्रदेश के आठ जोन में 273 तीन तलाक के मामलों में एफआईआर दर्ज हुई.
तीन तलाक में बरेली दूसरे स्थान पर. इसे भी पढ़ें- कानपुर में फिर दिखा तीन तलाक का जिन्न, मैसेज से ही दे डाला तलाक
मोदी सरकार ने दी तलाक पीड़िताओं को राहत
केंद्र की मोदी सरकार ने तीन तलाक पर कानून बनाकर पीड़िताओं को बड़ी राहत दी है. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी तीन तलाक पीड़िताओं को सहूलियत देने का काम किया है. मुकदमों की फहरिस्त में पहले पायदान पर मेरठ जोन और दूसरे पर बरेली जोन रहा है.
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मजहबी एतबार से बरेली को सुन्नी बरेलवी मुसलमानों का मरकज कहा जाता है. यहां से तीन तलाक कानून को लेकर तमाम तरह के विरोध की आवाज उठी थी. साथ ही तीन तलाक पीड़िताओं के हक में उनको इंसाफ दिलाने के लिए तमाम संगठन खड़े हो गए थे. तीन तलाक, हलाला, बहुविवाह जैसे तमाम महिला उत्पीड़न के मामलों में मेरा हक फाउंडेशन ने समझौता अदालत लगाकर निपटाए थे.
बरेली जोन में तीन तलाक के मामले तेजी से बढ़ रहे थे. जब से तीन तलाक कानून बना है ऐसे मामलों में कमी आई है. बरेली के साथ ही आस-पास के जिलों से भी तीन तलाक के मामले मेरे पास आए जिन पर कानूनी कार्रवाई की गई.
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक बरेली जोन में 68 केस एक साल में विभिन्न थानों में दर्ज किए गए, जबकि बहुत से केस तो थानों के बाहर ही निपटा दिए गए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन तलाक पीड़िताओं के साथ संवाद करके यह साबित कर दिया है कि सरकार उनके साथ है.
- फरहत नकवी, अध्यक्ष, मेरा हक फाउंडेशन