बरेली: हरूनगला में नकटिया नदी में गिर रहा नाला कचरे से पटा पड़ा है, लेकिन नगर निगम के अफसर इसे साफ कराने की सुध नहीं ले रहे हैं. ऐसे में कचरा रोकने के लिए नाले पर लगाई गई जाली कभी भी टूट सकती है और जाली टूटते ही कचरा नकटिया नदी के जरिए राम गंगा नदी में समा जाएगा.
कभी भी रामगंगा नदी में समा सकता है बरेली शहर का कचरा. - नकटिया नदी में 10 से ज्यादा छोटे नालों के जरिए आसपास के इलाकों की गंदगी और कचरा इस नदी में पहुंच रहा हैं.
- शहर की आधी आबादी का गंदा पानी और कचरा इन नालों में बहाया जाता है .
- नाले चोक होने के लिए पॉलिथीन सबसे बड़ा कारण है. कचरे से पटे हरूनगला नाले में सबसे ज्यादा पॉलिथीन ही दिखाई दे रही है.
- प्रदेश भर में पॉलिथीन बेचने और उपयोग करने पर प्रतिबंध है, बावजूद इसके इस पर न तो नगर निगम रोक लगा पा रहा है और न ही प्रशासन.
जलीय जीवों के लिए खतरा
- नियमानुसार नालों का पानी नदियों में छोड़ने से पहले इसका ट्रीटमेंट किया जाना चाहिए.
- इसके साथ ही नालों के जरिए नदियों में कचरा न पहुंचे इसके लिए भी इंतजाम किए जाने चाहिए.
- वहीं नगर निगम ने नालों में लोहे की जाली लगाकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है.
- गंदा पानी सीधे नदियों में गिर रहा है. जिससे जलीय जीवों के लिए भी खतरा बना हुआ है.
नगर आयुक्त सैमुअल पॉल से जब इस बारे में बात करी गई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है जल्दी इसका निस्तारण कराया जाएगा. बता दें कि फरवरी में हुई बोर्ड बैठक में शहर में एक करोड़ का बजट सिर्फ नाला सफाई और रख-रखाव के लिए प्रस्तावित किया गया था. जिसमें बड़े नालों की सफाई एजेंसी के जरिए कराई जानी है और छोटे नालों की सफाई निगम को खुद करनी है लेकिन निगम की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि बड़े नालों की सफाई करने के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी की जानी थी, लेकिन आचार संहिता के चलते काम लटक गया.