बरेली:उत्तर प्रदेश के बरेली में देश का अब तक का सबसे बड़ा साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है. आरोप है कि साइबर ठगों ने देशवासियों को 3000 करोड़ से अधिक का चूना लगाया है. बरेली की साइबर थाने की पुलिस ने इसका खुलासा करते हुए पश्चिम बंगाल निवासी साइबर ठग मंजरुल इस्लाम को गिरफ्तार किया है.
कैसे सामने आया मामला?
बरेली के बहेड़ी थाना क्षेत्र के रहने वाली महिला ने अक्टूबर 2021 में बरेली के साइबर थाने में लिखित शिकायत कर बताया था कि उसको एक एसएमएस प्राप्त हुआ जिसमें लिंक पर रिचार्ज करने और प्रत्येक रिचार्ज का दोगुना धन देने का झांसा दिया गया था. साथी ही ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब की बात कहकर लाखों रुपये ठग लिए गए. जिसके बाद महिला साइबर ठगों के जाल में फंस गई और वह धीरे-धीरे अपने पैसे साइबर ठगों के धंधे में लगाती रही. उसके बाद जब उसके पैसे आना बंद हो गए तब उसको ठगी का अहसास हुआ. तब तक उसके साथ 2 लाख की साइबर ठगी हो गई. जिसके बाद उसने बरेली के साइबर थाने में आईपीसी की धारा 420, 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया और सरवर थाने की पुलिस ने जब मामले की विवेचना शुरू की तो जो कड़ियां निकल कर सामने आई उसे देखकर साइबर थाने की पुलिस भी हैरान रह गई.
जांच में पता चला कि साइबर ठगों ने ठगी के पैसों को बिजनेस खाते और एनजीओ के खातों में ट्रांसफर किए हैं. उसके बाद साइबर थाने की पुलिस ने खातों के बारे में जानकारी कर साइबर ठगों तक पहुंच पाई. जिसके बाद बरेली के साइबर थाने के इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने अपनी टीम के साथ लंबी जांच पड़ताल के बाद गुवाहाटी के रहने वाला जयदेव के बारे में पता किया जो कि महाराष्ट्र की जेल में बंद है. जिसके बाद साइबर थाने की टीम ने बिजनेस खाते को चला रहे साइबर गैंग के सदस्य मंजारुल इस्लाम को 28 अप्रैल को गुड़गांव से गिरफ्तार किया. आरोपी गुरुग्राम हरियाणा से डोफिन कंसलटेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक बन कर उसके बिजनेस खाते में साइबर ठगी के पैसों को ट्रांसफर करता था. फिलहाल पुलिस ने गुड़गांव से गिरफ्तार कर बरेली ले आई जहां उसे अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया.
साइबर थाने के इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने बताया कि जब साइबर ठगी के मामले की जांच शुरू की गई तो पता चला कि साइबर ठगी की रकम को अलग-अलग बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज में बैलेट बनाकर कई फर्जी कंपनियां और ट्रेट्स के खातों में यूटिलाइज किया गया था. जांच में पता चला कि चीन का रहने वाला लियोन ने गुड़गांव में आकर अकाउंटेंट का काम करने वाले मंजारुल इस्लाम से दोस्ती की और उसे मोटे कमाई का लालच देकर एक कंपनी बनाने का झांसा दिया. जिसके बाद चीन के रहने वाले लियोन और पश्चिम बंगाल का रहने वाला मंजारुल इस्लाम ने गुवाहाटी के रहने वाले जयदेव के साथ मिलकर एक बिजनेस खाते और एनजीओ के नाम से खाते खुलवा कर ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब का झांसा देकर अपने साइबर ठगी का धंधा शुरू किया. इसमें उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से भोले भाले लोगों को पार्ट टाइम ऑनलाइन जॉब का ऑफर देकर अपने जाल में फंसाया और फिर मोटा मुनाफा का लालच देकर अपनी कंपनी में पैसे लगाकर साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया.