बरेली:जिले में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद बरेली का रहने वाला सरताज आयुष्मान योजना का ब्रांड अंबेस्डर बन गया है. वह प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान योजना का प्रचार प्रसार के साथ ही लोगों को इस योजना के बारे में जागरूक करते हुए गोल्डन कार्ड बनवाने में मददगार साबित हो रहा है.
सरताज के लिए वरदान बना आयुष्मान कार्ड. मुंह के कैंसर से पीड़ित था सरताजआजमनगर का रहने वाला सरताज रिक्शा चालक है. वह मुंह के कैंसर से पीडित था. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह ठीक से इलाज भी नहीं करा पा रहा था. ऐसे में प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान योजना उसके लिए वरदान बन गई. वह योजना के पात्र लोगों में था .पता चलने पर उसने आयुष्मान कार्ड बनवाया और कैंसर का आपरेशन कराया.
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से सरताज ने आयुष्मान योजना का प्रचार करने की जताई थी इच्छा
बीते दिनों दिल्ली में प्रधानमंत्री ने आयुष्मान योजना के लाभार्थियों से मुलाकात की थी उन लाभार्थियों में सरताज भी शामिल था. वापस आने के बाद केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के यहां हुए दिवाली उत्सव में भी सरताज शामिल हुआ था. तब केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से सरताज ने आयुष्मान योजना का प्रचार करने की इच्छा जताई थी. अब वह आयुष्मान योजना का ब्रांड अंबेस्डर बन गया है.
सरताज ने कई लोगों के बनवाए गोल्डन कार्ड
जिला अस्पताल के आयुष्मान आफिस में सरताज लोगों को आयुष्मान के लिए जागरूक कर रहा है. लोगो को इसके लिए समझ रहा है. वह कई लोगों का गोल्डन कार्ड बनवा चुका है. इतना ही नहीं, इस योजना को लेकर लोगों का भ्रम भी दूर कर रहा है.
आयुष्मान योजनाके लाभ को हर एक इंसान तक पहुंचाने के लिए सरताज ने लगाया पोस्टर
जिस तरह से सरताज को आयुष्मान योजना के कारण एक नई जिंदगी मिली है. उससे उसके दिल में एक नई सुबह की किरण जग गई है. इस योजना के लाभ को हर एक इंसान तक पहुंचाने के लिए सरताज ने आयुष्मान योजना का पोस्टर लगाया है. जिसमें लिखा है कि आयुष्मान का गोल्डन कार्ड बनाने में कोई परेशानी हो तो उससे संपर्क किया जा सकता है.शाहदाना में भी वह रोजाना शाम 3 बजे लोगों को आयुष्मान योजना की जानकारी देता है.
सरताज की माँ का कहना है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मेरे बेटे के लिए जो किया उसकी शुक्रगुजार हूं. जिस तरह से मेरे बेटे का इलाज कराया है उसी तरह से मोदी जी उसके लिए किसी अच्छे रोजगार की भी व्यवस्था कर दें. क्योंकि हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. परिवार के लोग पतंग बना कर अपना गुजारा कर रहे हैं. मेरी बहू भी लाचार है वो भी चल फिर नहीं सकती है.
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