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बरेली: आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद अस्पतालों ने नहीं किया भर्ती, बुजुर्ग की मौत - ayushman card

उत्तर प्रदेश के बरेली में आयुष्मान भारत कार्ड धारक बुजुर्ग की इलाज के अभाव में मौत हो गई. बुजुर्ग के परिजन उसे लेकर अस्पताल दर अस्पताल लेकर भटकते रहे, लेकिन उन्हें कहीं जगह नहीं मिली. स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

आयुष्मान कार्ड होल्डर की मौत

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Published : Oct 6, 2019, 6:02 PM IST

बरेली:उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में आयुष्मान कार्ड धारक 59 वर्षीय बुजुर्ग की इलाज के अभाव में मौत हो गई. मरीज कार्ड लेकर शहर के मशहूर अस्पतालों के चक्कर काटता रहा, लेकिन अस्पतालों ने उसका इलाज करने से मना कर दिया. इलाज के अभाव से बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया. मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं.

आयुष्मान कार्ड होल्डर की मौत.

जनपद के रहने वाले मतबूल हुसैन की रात को अचानक तबीयत खराब हो गई. हुसैन के पास आयुष्मान कार्ड था. हुसैन के परिजन उन्हें लेकर शहर के चार निजी अस्पतालों में इलाज के लिए गए, लेकिन आयुष्मान कार्ड का नाम सुनकर ही अस्पतालों ने उनका इलाज करने से मना कर दिया. किसी अस्पताल ने डॉक्टरों की अनुपस्थिति की तो किसी ने बेड न खाली होने का बहाना बनाकर मरीज को अस्पताल में एडमिट नहीं किया.

अस्पताल का पर्चा.

क्या है आयुष्मान योजना
आयुष्मान भारत योजना को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) भी कहा जाता है. मोदी केयर के नाम से मशहूर यह योजना देश के गरीब लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलता है, लेकिन अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के मरीजों को एडमिट करने में नाको चने चबाने पड़ रहे हैं.

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घटना की जानकारी सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला को दी तो उन्होंने मामले की जांच सही ढंग से नहीं की. बस डॉक्टरों को चेतावनी देकर छोड़ दिया. मैं अपने पिता को इंसाफ दिलाने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी को ट्वीट किया था, जिसका प्रधानमंत्री की तरफ से जवाब भी आ गया है.
- नाजिया, पीड़िता

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