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आशा वर्कर्स ने जिला मुख्यालय पर किया प्रदर्शन - आशा वर्कर्स ने सरकारी कर्मचारी बनाने की मांग

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में आशा कार्यकत्रियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग की. आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर 14 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा.

बरेली में आशा वर्कर्स ने किया प्रदर्शन.
बरेली में आशा वर्कर्स ने किया प्रदर्शन.

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Published : Jan 7, 2021, 9:08 PM IST

बरेलीःआशा कार्यकत्रियों ने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर गुरुवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. इस दौरान आशा कार्यकत्रियों ने सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग के साथ नियमित मानदेय देने की मांग की. मांगे नहीं मानी गई तो वह काम बंद कर देंगी सरकार के खिलाफ एकजुट होकर प्रदर्शन शुरू कर देंगी.

बरेली में आशा वर्कर्स ने किया प्रदर्शन.

सरकारी कर्मचारी बनाने की मांग
आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता एसोसिएशन के बैनर तले जिलाध्यक्ष रामश्री गंगवार के नेतृत्व में 14 सूत्रीय मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी आशा कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर सौंपा. दर्जनों की संख्या में एकत्र होकर कलेक्ट्रेट गेट पर अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी भी की. आशा वर्कर्स ने कहा कि वो राज्य सरकार से लंबे समय से मांग करती चली आ रही हैं कि उन्हें राज्यकर्मी घोषित किया जाए.

एकाउंट में समय की मानदेय भेजा जाए
आशाओं ने कहा कि महंगाई का दौर में सरकार, अधिकारी और न कोई राजनेता उनकी तरफ गौर नहीं कर रहा है. जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रही आशाओं ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि उन्हें उनका मानदेय उनके एकाउंट में भेजा जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि सीधे खाते में पैसा नहीं आता तो बिचौलिए उन्हें प्रताड़ित करते हैं. प्रदर्शन के दौरान आशाओं ने मांग की कि उनका मानदेय न्यूनतम 15 हजार रुपया मासिक किया जाए. साथ ही सरकार उन्हें नियमित करे और सरकारी कर्मचारी बनाया जाए.


काम न करने की दी चेतावनी
कार्यक्रत्रियों ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आशाओं के लिए विश्राम स्थल की व्यवस्था भी होनी चाहिए. प्राथमिक चिकित्सा के लिए 50 रुपये के स्थान पर 500 रुपये मूल्य की दवाई उपलब्ध कराई जाए. आशाओं को कार्य संचालन के लिए मिलने वाली राशि को एडवांस में उपलब्ध कराया जाए. फिलहाल अपने ज्ञापन के माध्यम से आशाओं ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि अगर उनका बकाया मानदेय 1 सप्ताह में नहीं मिलता तो वह कोविड-19 में ड्यूटी करना बंद कर देंगी.

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