बरेलीः बरेली के बाजार में सूखे मेवे के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. दामों में बढ़ोतरी की वजह अफिगानिस्तान में बिगड़े हालातों को माना जा रहा है. जिसके चलते मेवे के व्यापारी और ग्राहक दोनों परेशान हैं. दाम बढ़ने से उनकी जेबों पर सीधा असर पढ़ रहा है.
हिंदुस्तान के बाजारों में अधिकतर अफगानिस्तान के सूखे मेवे का कारोबार किया जाता है. अच्छा मेवा खाने के शौकीन अफगानिस्तान के खेतों में पैदा होने वाली अफगानिस्तानी मेवा की डिमांड करते हैं. बताया जाता है कि अफगानिस्तान के खेतों में पैदा की जाने वाली अंजीर, पिस्ता, मुनक्का, खुमानी, बादाम और छुआरे सबसे अच्छी किस्म के माने जाते हैं. इनको अफगानिस्तान से आयात कर दिल्ली के थोक बाजार में लाया जाता है. इसके बाद यहां से बरेली के बाजार में माल पहुंचता है. पिछले कुछ दिनों से अफगानिस्तान में बिगड़े हालातों की वजह से सूखे मेवों के आयात बंद हो गये हैं. हिंदुस्तान के थोक व्यापारियों ने अफगानिस्तान के हालातों को देखकर सुखे मेवे की सप्लाई बहुत कम कर दी है. जिसके चलते अफगानिस्तान से आने वाला अंजीर पिस्ता, मुनक्का, खुमानी, बादाम और छुआरे की सप्लाई बाजार में नहीं पहुंच रही है.
बरेली में मेवा के थोक व्यापारी संजय आनन्द बताते हैं कि पिछले 15 दिनों में सूखे मेवे के दामों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. सूखे मेवों की कीमतों में 200 से लेकर 400 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. जिसका सीधा असर उनकी दुकानदारी पर पड़ रहा है. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद किसान अपने घर छोड़कर भाग रहे हैं और जब किसान नहीं होंगे तो खेतों में खेती कौन करेगा. इतना ही नहीं अभी बड़े व्यापारियों ने भी अच्छे माल की सप्लाई बंद कर दी है. जिसका सीधा असर सूखे मेवे के दामों पर पड़ रहा है.