बरेली: नवाबगंज क्षेत्र के स्थित गांव में जनवरी 2016 में एक किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. चार साल तक कोर्ट में चले इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सुनील कुमार यादव ने दोषी पाए गए मुरारीलाल और उमाकांत को फांसी की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश ने इसे निर्भया कांड से भी ज्यादा गंभीर बताया है. साथ ही कहा कि निर्भया बालिग थी, जबकि यह पीड़िता नाबालिग थी. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 4 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
11 गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने सुनाया फैसला
29 जनवरी 2016 को 12 साल की बच्ची के साथ उस समय दुष्कर्म हुआ था, जब नाबालिग बच्ची खेत में दादी को खाना देने जा रही थी. इसी दौरान नवाबगंज थाना क्षेत्र के दो युवक मुरारीलाल और उमाकांत ने बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या कर दी थी. शुक्रवार को 11 गवाहों के बयान के आधार पर अपर जिला न्यायाधीश सुनील कुमार यादव ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है.
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