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बरेली: माता-पिता की मौत पर भी गुलाब को नहीं मिली थी पैरोल, परिजनों ने साझा किया दर्द

रामपुर में हुए सीआरपीएफ कैंप हमले के आरोपी गुलाब खान को कोर्ट ने बरी कर दिया है. गुलाब के घर आने के बाद उसके परिजनों ने अपना दर्द ईटीवी भारत से साझा किया.

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Published : Nov 3, 2019, 12:51 PM IST

गुलाब खान के परिजनों ने ईटीवी भारत से साझा किया दर्द.

बरेली:12 साल बाद आतंक का दाग धुलने पर सेंट्रल जेल से जब गुलाब खान लौटे, तो बहेड़ी में जश्न का माहौल बन गया. लोगों ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया. 12 साल पहले गुलाब खान बरेली की बहेड़ी में लोहे की वेल्डिंग की वर्कशॉप चलाते थे.

गुलाब खान के परिजनों ने ईटीवी भारत से साझा किया दर्द.

गुलाब के भाई ने बताया कि 12 साल पहले सुबह के समय 10-12 लोग सिविल कपड़ों में घर आए और गुलाब को साथ ले गये. उसके बाद हम लोग बहेड़ी थाने पहुंचे, वहां पता चला कि एटीएस उनको रामपुर ले आई है. तीसरे दिन गुलाब को कोर्ट में पेश किया, तब पता चला कि रामपुर सीआरपीएफ हमले में उनको आरोपी बनाया गया है.

इंसाफ के लिए गुलाब की बिक चुकी है 5 बीघा जमीन
गुलाब खान के चाचा कमर ने बताया कि गुलाब के जेल जाने के बाद उनके माता-पिता की मौत हो गई. उसके चाचा की भी मौत हो गई. मगर गुलाब को उनका मुंह भी देखना नसीब नहीं हुआ. साथ ही इंसाफ के चक्कर में 5 बीघा जमीन बिक गई. आज 12 साल बाद जाकर इंसाफ मिला है.

बता दें यूपी के रामपुर में हुए सीआरपीएफ के कैंप पर हुए आतंकी हमले में 12 साल बाद गुलाब खान शनिवार को बरेली सेंट्रल जेल से रिहा होकर अपने घर बहेड़ी पहुंचे थे. घर पर गुलाब खान का फूलों से स्वागत किया गया. गुलाब को देखने के लिए पूरा मोहल्ला उसके घर आ गया.

मेरे 12 साल कोई वापस नहीं कर सकता: गुलाब
गुलाब जैसे ही घर पहुंचा था, उसके बीबी-बच्चे उससे लिपटकर रोने लगे थे. गुलाब ने जेल से छूटने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरे 12 साल कोई वापस नहीं कर सकता, ये मेरे लिए नए जीवन जैसा है. उसने कहा कि जिसके ऊपर आतंकवाद का आरोप हो, उसे तो जेल में भी कड़ी सुरक्षा के बीच ही रखा जाता है.

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