बाराबंकी:उत्तर प्रदेश के 8 जिलों में एक ही तारीख और समय पर 240 दुर्लभ प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे. इसमें बाराबंकी जिले को भी शामिल किया गया है. प्रत्येक जिले में 30 प्रजातियों के 12-12 पौधे एक साथ लगाए जाएंगे. वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने में पौध रोपण के समय खास प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इस दौरान बिना रुके लगातार चार वीडियो कैमरों से रिकार्डिंग कराई जाएगी. वहीं ड्रोन कैमरा भी इस काम को रिकार्ड करेगा. 2 बॉटनी के साइंटिस्ट और 2 स्वतंत्र गवाह की मौजूदगी में वन विभाग के 15 कर्मचारी 1 घंटे के अंदर पौधारोपण करेंगे.
पौधारोपण के बारे में जानकारी देते डीएफओ. जैव विविधता बनाये रखने और विलुप्त हो रहे पेड़ों की प्रजातियों को संरक्षित करने के मामले में वन विभाग गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराने जा रहा है. शासन ने इसके लिए प्रदेश के आठ जिलों को चयनित किया है. यह जिले बाराबंकी, अयोध्या, लखनऊ, सीतापुर, मेरठ, चित्रकूट, बांदा और गाजियाबाद है.
क्या है योजना
योजना के तहत हर जिले में एक घण्टे के अंदर 30 प्रजातियों के 12-12 पौधे यानी कुल 360 पौधे रोपित किये जाएंगे. इस अभियान में हर जिले में वन विभाग के केवल 15 लोगों को शामिल किया जाएगा, जो पौधे रोपित करेंगे. कोरोना संकट के चलते 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड' की टीम मौके पर नहीं आ सकेगी, लेकिन उसके द्वारा बताए गए नियमों के अनुसार ही पौधे रोपे जाएंगे. इसके लिए एक विशेष प्रक्रिया अपनाई जाएगी.
कैसी होगी पौधारोपण की प्रक्रिया
- वन विभाग के 15 कर्मचारी पौधरोपण करेंगे.
- हर जिले में अलग-अलग 30 प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे.
- सभी 8 जिलों में 240 प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे.
- सभी जिलों में एक ही तारीख और समय पर पौधरोपण किया जाएगा.
- पौधारोपण के समय 4 वीडियो कैमरों से चारों एंगल से लगातार वीडियो ग्राफी कराई जाएगी.
- पौधारोपण के समय कैमरे की रिकार्डिंग लगातार चलती रहेगी.
- ड्रोन कैमरे से लगातार वीडियो और फोटोग्राफी भी कराई जाएगी.
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