बरेली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक 'स्वच्छ भारत मिशन' अभियान के तहत सामुदायिक शौचालयों के निर्माण का संकल्प हर गांव के लिए लिया गया था. बरेली में 1,193 ग्राम पंचायतों में 1,149 शौचालयों का निर्माण पूर्ण हो चुका है. शौचालयों पर समूह से जुड़ी 1,149 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से तैनाती दी गई है.
प्रदेश में बरेली ऐसा जनपद है. जहां सबसे पहले सबसे अधिक सामुदायिक शौचालयों का निर्माण हुआ. इसमें डीएम नीतीश कुमार ने दिलचस्पी ली तो स्वच्छता के लिए गांव-गांव में सामुदायिक शौचालय जल्द तैयार हो गए. अब इन शौचालयों को महिला स्वयं सहायता समूहों के हवाले कर दिया गया है. जिसके तहत 1,149 महिलाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं. अलग-अलग ब्लॉक पर तैनात महिलाओं को बकायदा प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे 1,149 महिलाओं को उनके गांव में रोजगार मिल गया बल्कि महिलाएं आत्मनिर्भर भी बन गई.
बरेली में 1,193 ग्राम पंचायत हैं. अधिकतम गांवों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने को महिला समूहों को ही इनकी देखभाल से लेकर साफ-सफाई व रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई है. बता दें, बरेली को भारत सरकार की तरफ से सबसे पहले सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है.
इस बारे जिला पंचायती राज अधिकारी ने बताया कि बरेली में कुल 1,193 ग्राम पंचायत हैं. सरकार की मंशा के मुताबिक हर गांव में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत स्वच्छता व साफ सफाई पर जोर देते हुए सामुदायिक शौचालयों के निर्माण का निर्णय जब लिया गया तभी से सबसे तेज गति से कार्य बरेली में हो रहा है.
DPRO धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि 1,149 गांवों मे सामुदायिक शौचालय बनकर तैयार हो गया है. जबकि शेष का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने बरेली में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण को लेकर बरेली को सम्मानित भी किया था.
धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि कम्युनिटी टॉयलेट्स पर जिन महिलाओं को तैनात किया गया है. उन्हें 6 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा. एडवांस मानदेय भी 3 माह का जारी कर दिया गया है. डीपीआरओ ने बताया कि कुल 9 हजार रुपये प्रतिमाह प्रत्येक सामुदायिक शौचालय के लिए प्रत्येक ऐसे समूह को दिया जा रहा है जो वहां जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. जिसमें से 6 हजार वहां तैनात महिलाकर्मी को दिया जाना तय है. समूह की महिलाएं भी इस फैसले से खुश हैं. बिथरी ब्लॉक मिशन प्रबंधक कविता ने बताया कि अलग-अलग ब्लॉक पर महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया गया है. जो शौचालयों पर व्यवस्थाओं को संभालेंगी.
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