बाराबंकीःग्राम प्रधान बनने के लिए जबरदस्त मेहनत की, जोरदार चुनाव प्रचार किया. गांव वालों से सेवा करने का मौका मांगा. प्रत्याशी के इस वादे को देख गांव वालों ने भी उसे निराश नहीं किया. रविवार को आए नतीजे में प्रत्याशी को जबर्दस्त जीत भी मिली लेकिन प्रत्याशी इस जीत की खुशी नहीं देख सकी. दरअसल, गांव वालों द्वारा मत के रूप में दिए गए प्यार को देखने के लिए प्रत्याशी अब इस दुनिया में नहीं है. मतदान होने के दूसरे दिन वह बीमार हुई और दो दिन पहले उसकी मौत हो गई. जीत की खबर पता चली तो भी घर में मातम ही पसरा रहा.
रनापुर गांव का मामला
मामला बाराबंकी के हैदरगढ़ ब्लॉक के रनापुर गांव का है. यहां पहले राजीव मोहन चौधरी ग्राम प्रधान थे. नये आरक्षण में यह ग्रामसभा सीट अन्य पिछड़ा महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुई. इस बार राजीव मोहन चौधरी ने अपनी पत्नी कुसुम लता को चुनाव लड़ाया. चुनाव जीतने के लिए इन्होंने खूब मेहनत की. राजीव मोहन ने अपने पिछले कार्यकाल का हवाला दिया. 26 अप्रैल को हुए मतदान में गांव वालों ने इन्हें निराश नहीं किया और जोरदार मतदान हुआ.
दो दिन पूर्व हो गई मौत
मतदान के बाद सबकुछ ठीक-ठाक रहा लेकिन बुधवार को कुसुमलता की तबीयत खराब हो गई. गुरुवार को सुबह उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई और जब तक घर वाले उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाते, कुसुमलता की मौत हो गई. राजीव मोहन चौधरी के चचेरे भाई जतिन चौधरी ने बताया कि कुसुमलता के पति समेत घर के कई लोगों की तबीयत खराब है. वे अस्पताल में भर्ती हैं.