बाराबंकीः जिले में प्रशासन ने दो साल पहले पक्के पुल का निर्माण कराया था. बाढ़ आने के बाद पुल के दोनों तरफ बड़े-बड़े गड्ढे हो गए थे. बाढ़ पीड़ितों ने सोचा कि प्रशासन बाढ निकलने के बाद पुल के दोनों तरफ पटाई कराएगा और फिर से आने जाने के लिए रास्ता मिलेगा, लेकिन प्रशासन ने गड्ढे की पटाई नहीं करवाई. जिसके बाद ग्रामीणों ने अपने संसाधनों से ही लकड़ी का पुल बनाकर तैयार कर लिया.
ग्रामीणों ने अपनी सुविधा के लिए किया लकड़ी पुल का निर्माण. इसे भी पढ़ें-अलीगढ़: हथिनीकुंड बैराज से दोबारा छूटा पानी, खतरे के निशान के करीब यमुना
नहीं बना पुल-
- जिले में विकासखंड पूरे डलाई की ग्राम सभा बसंतपुर में प्रशासन ने दो साल पहले पुल का निर्माण कराया था.
- बाढ़ आने के बाद पुल के दोनों तरफ गड्ढे हो गए थे.
- गांव के लोगों को लगा की प्रशासन गड्ढे की पटाई कराएगा लेकिन प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों की कोई मदद नहीं की.
- बाद में ग्रामीणों ने अपने संसाधनों से ही लकड़ी के पुल का निर्माण कर लिया.
- लकड़ी के पुल से एक समय पर एक व्यक्ति ही निकल सकता है.
- ईटीवी ने 2 जून को इस खबर को दिखाया था लेकिन फिर भी प्रशासन शांत है.
हम लोगों ने चंदा इकट्ठा करके इस पुल को बनाया है. क्योंकि बच्चों को स्कूल जाना होता है. हम लोगों को भी मजबूरी में आना जाना पड़ता है. शासन की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. मजबूरी में यह पुल हम लोगों को बनाना पड़ा. पुल कमजोर है कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
-अनमोल सिंह, स्थानीय निवासी