बाराबंकी : सिविल सर्विसेज (CIVIL SERVICES) में जाने की ख्वाहिश रखने वालों के लिए जरूरी नहीं कि वे महंगी कोचिंग करें या बड़े शहरों में जाकर ही तैयारी करें. घर पर भी नियमित और पाठ्यक्रम के अनुरूप पढ़ाई करके सफलता हासिल की जा सकती है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि ये कहना है बाराबंकी के युवा आदर्श शुक्ला का. आदर्श शुक्ला ने इस कथन को सच कर दिखाया है. शुक्रवार को आये यूपीएससी के परिणाम में आदर्श शुक्ला को आईपीएस (IPS) कैडर में देश में 149वीं रैंक हासिल हुई है. महज 21 वर्ष की आयु में पहले ही प्रयास में सफलता पाने वाले आदर्श इसका श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं.
पिता प्राइवेट कंपनी में हैं एकाउंटेंट
मूल रूप से मढ़ना रामनगर के रहने वाले आदर्श के पिता राधाकांत शुक्ला दो दशक पहले बाराबंकी आकर रहने लगे. मयूर विहार कालोनी में रहने वाले राधाकांत शुक्ला एक प्राइवेट कंपनी में एकाउंटेंट हैं, जबकि आदर्श की मां गीता शुक्ला ग्रहणी हैं. आदर्श की एक बड़ी बहन स्नेहा शुक्ला हैं, जिन्होंने एलएलएम किया है और वो पीसीएस जे की तैयारी कर रही हैं.
शुरू से ही मेधावी रहे आदर्श शुक्ला
नगर के साईं इंटर कालेज से प्रारंभिक पढ़ाई करने वाले आदर्श ने यहीं से इंटर किया. पढ़ाई में वे शुरू से ही मेधावी रहे. वर्ष 2013 में हाईस्कूल में आदर्श ने यूपी की मेरिट में छठवां स्थान हासिल किया था. इंटर में भी 93.4 फीसदी अंक हासिल किए थे. उसके बाद आदर्श शुक्ला ने नेशनल पीजी कालेज लखनऊ से फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ विषयों के साथ बीएससी की.
घर पर रहकर ही की तैयारी, पहले प्रयास में बने आईपीएस
बचपन से ही सिविल सर्विसेज में जाने का सपना था, लिहाजा उन्होंने घर पर ही तैयारी शुरू कर दी. तैयारी के लिए बड़े शहरों की ओर रुख करने या कोचिंग करने की बजाय उन्होंने घर पर ही नियमित और हार्ड वर्क शुरू किया. बड़ी बहन और मां-बाप ने अच्छा माहौल दिया, जिसका नतीजा है कि आदर्श पहले ही प्रयास में आईपीएस बन गए.