बाराबंकी:प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का 2019 का आंकड़ा है कि 8 करोड़ परिवारों को इसका लाभ दिया जा चुका है. चुनाव के दौरान भी इस योजना का जोर-शोर से नाम लिया गया, लेकिन बाराबंकी जिले में जिन परिवारों को इस योजना का लाभ मिला है. वह पिछले 2 सालों में इसे रिफिल करवाने में सक्षम नजर नहीं आ रहे हैं. कुछ परिवार ऐसे हैं कि पिछले 2 वर्षों में मात्र 5 से 6 बार सिलेण्डर को रिफिल करवा पाए हैं. कुछ परिवारों को आधार लिंक न होने के कारण भी गैस एजेंसी के लोग बार-बार दौड़ते हैं. गैस सिलेंडर के दाम में हुई लगभग 140 रुपये की वृद्धि से भी लोगों में गुस्सा है.
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में 2020 तक यह लक्ष्य रखा गया था कि आठ करोड़ परिवारों को इसका लाभ दिया जाएगा, लेकिन सरकार ने 2019 में ही इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया और 2019 के अंत तक 8 करोड़ उज्जवला गैस कनेक्शन उपलब्ध करा दिया. इस योजना के ओर से 2019 के आम चुनावों को साधने की भी कोशिश की गई.
बाराबंकी जिले में भी हजारों की संख्या में उज्जवला योजना का लाभ गरीब परिवारों को दिया गया है. इस योजना का लक्ष्य था कि गरीब परिवारों को शुद्ध ईंधन उपलब्ध कराया जाए. लकड़ी और परंपरागत रूप से मिट्टी के चूल्हे का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं को धुएं से निजात दिलाने के लिए सरकार कृतसंकल्प भी दिखाई दे रही थी. वहीं समस्या इस बात की है कि जिन परिवारों को इस योजना का लाभ दिया गया, उनमें से कई परिवार ऐसे हैं जिनके पास इतना पैसा ही नहीं है कि वह इस गैस सिलेंडर को रिफिल करा सकें. आज भी ऐसे परिवार मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी और तमाम परंपरागत इंधन से खाना बनाने को मजबूर है.