बाराबंकी:परिवहन विभाग ने यूपी के बाराबंकी में हुए बस हादसे से सबक लेते हुए दूसरे राज्यों के लिए यूपी से होकर गुजरने वाली बसों पर सख्ती बढ़ा दी है. इस दौरान डबल डेकर बसों की चेकिंग में तेजी आ गई है. वहीं, परमिट के बिना संचालन पाए जाने पर संबंधित आरटीओ को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
बाराबंकी में दुर्घटनाग्रस्त हुई बस (UP 22T 7918) का अकेले जुलाई महीने में ही परमिट न होने, ओवरलोडिंग और ओवरस्पीड, सीटबेल्ट जैसे मानकों का तीन बार चालान हुआ था और तीनों बार बस मालिक ने अभी तक चालान का भुगतान भी नहीं किया.हालांकि 27 जुलाई 2017 से 17 जुलाई 2021 तक इस बस का कुल 39 बार चालान हो चुका है. हैरानी की बात ये कि पंजाब हरियाणा, दिल्ली और उत्तरप्रदेश से गुजरने वाली इस ओवरलोड बस को परिवहन विभाग के किसी भी अधिकारी ने चेक नहीं किया.
39 बार हो चुका है इस बस का चालान
बुधवार को बाराबंकी में जिस बस ने 18 गरीब मजदूरों की जान ले ली. इसका रजिस्ट्रेशन 01 अक्टूबर 2014 को हुआ था. इसे उत्तरप्रदेश के रामपुर जिले में भगतसिंह द्वारा अपने नाम पंजीकृत कराया गया था. इसी वर्ष इसे बिहार प्रदेश के सीवान जिले के दरौंधा थाने के कोठूवा सारंगपुर टोला भाऊ छपरा पोस्ट महराजगंज में राजेश कुमार के हाथों बेच दिया गया और इसे सीवान जिले में पंजीकृत कराया गया था, लेकिन नंबर नहीं बदलवाया गया. वर्ष 2017 से जुलाई 2021 तक इस बस का 39 बार चालान हो चुका है.
अकेले जुलाई महीने में ही हुए तीन चालान
4 जुलाई 2021 को इस बस का चालान यूपी के कुशीनगर में हुआ था.उस समय बस के चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. बस ओवरस्पीड में थी. मानक के विपरीत वाहन का प्रदूषण था. वाहन का परमिट नहीं था और सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग नहीं हो रहा था. उस समय ये बस दिल्ली से बिहार जा रही थी लिहाजा प्रवर्तन अधिकारी ने बस का चालान कर 27,500 रुपये जुर्माना लगाया था जिसका भुगतान आज तक नहीं किया गया.