बाराबंकी: पुलिस ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जो नकली मोबाइल बेचकर उसमें नकली आईएमईआई सेट कर देते थे. पुलिस का मानना है कि ऐसे मोबाइल सेटों से बात करने पर उन तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है. ऐसे मोबाइलों का प्रयोग आतंकी गतिविधियों में भी किया जा सकता है. ऐसे में पुलिस ने खुफिया एजेंसियों से भी सम्पर्क किया है, ताकि इनके नेटवर्क तक पहुंचा जा सके. पुलिस ने गैंग के सरगना समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 12 चाइनीज मोबाइल, आईएमईआई के 52 नकली रैपर, दो बुकलेट, दो रसीदें और मोहर समेत कई चीजें बरामद की हैं.
कुर्सी थाना क्षेत्र में पुलिस को शुक्रवार को सूचना मिली कि कुछ बाहरी लोग बेहड़पुरवा गांव में आकर मोबाइल बेच रहे हैं. बोलचाल में वह लोग किसी बाहर के प्रदेश के लग रहे हैं. इस सूचना पर पुलिस टीम गांव पहुंची. पुलिस ने देखा तो कार पर महाराष्ट्र का नम्बर था. कार के बोर्ड पर 'अध्यक्ष नागपुर जिल्हा महाराष्ट्र बेलदार समाज संघटना' लिखा हुआ था. इसी कार से तीन युवकों द्वारा मोबाइल बेचे जा रहे थे.
जांच करने पर पता चला कि यह युवक फर्जी तरीके से अवैध IMEI रैपर के माध्यम से ब्लैंक (बिना साफ्टवेयर) चाइनीज मोबाइल में दर्ज कर फर्जी वीवो मोबाइल बेच रहे थे. पूछताछ में एक ने अपना नाम देवराज आनंद राव जाधव निवासी नागपुर बताया, जो गैंग लीडर था. दूसरे ने अपना नाम रामेश्वर शेखराव तायवड़े निवासी नागपुर और तीसरे ने अपना नाम राधेश्याम गुलाब राव मुरोडिएं निवासी नागपुर बताया. पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही इनके कब्जे से 12 अदद मोबाइल, 35 हजार रुपये, आईएमईआई के 52 रैपर, दो अदद बुकलेट, दो अदद रसीद, एक मोहर समेत तमाम चीजें बरामद हुईं.
कई प्रदेशों में बेच चुके हैं ऐसे मोबाइल