उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बाराबंकी: रोशनी बिखेरने वाले कुम्हारों के जीवन में अन्धकार, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान - barabanki news

बाराबंकी जिले में कुम्हारों की स्थिति दयनीय है. प्रशासन की भी कोई सहायता उन तक नहीं पहुंच पाई है. जिसके कारण उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

etv bharat
रोशनी बिखेरने वाले कुम्हारों के जीवन में अन्धकार

By

Published : Jan 3, 2020, 12:25 PM IST

बाराबंकी: मिट्टी के दिए और कुल्हड़ बनाने वाले कुम्हारों की स्थिति दयनीय है. वजह है प्लास्टिक और कागज की गिलास आने से बिक्री पर पड़ने वाला असर. कुल्हड़ बनाने की मशीन से भी परंपरागत तरीके से कुल्हड़ तैयार करने वाले कुम्हारों के लिए प्रतिस्पर्धा हो रही है. कुम्हारों का कहना है कि अगर पैसे होते तो कुल्हड़ बनाने की मशीन खरीदते जिससे लागत कम आती और उन्हें मुनाफा होता.

रोशनी बिखेरने वाले कुम्हारों के जीवन में अन्धकार.
बड़े करोबारियों ने ली जगहप्रदेश में प्लास्टिक पर बैन लगने से संभावना थी कि मिट्टी के कुल्हड़ की मांगों में बढ़ोतरी होगी और इसका सीधा लाभ कुम्हारों को मिलेगा. लेकिन बाजार में कागज के गिलास आने से फिर से कुल्हड़ की मांग में कमी हो गई साथ ही जो थोड़ी बहुत उम्मीद कुम्हारों को थी उसकी भी रही सही कसर मशीन से मिट्टी के कुल्हड़ बनाने वाले बड़े कारोबारियों ने ले ली.मशीनों से बने कुल्हड़ के कारण परंपरागत कुम्हारों को घाटामशीनों से मिट्टी के कुल्हड़ बनाने वाले कारोबारी, अब परंपरागत रूप से कुल्हड़ बनाने वाले लोगों के लिए प्रतिस्पर्धा स्थापित कर लिए हैं. जहां हाथ से चकरी घुमाकर कुल्हड़ बनाने वाले कुम्हारों को समय और मेहनत के साथ साथ लागत भी ज्यादा लगती है. वहीं मशीनों से कम समय और कम मेहनत एवं कम लागत में ज्यादा उत्पादन होता है. ऐसे में गरीब कुम्हारों का कुल्हड़ महंगा होने के कारण बिक नहीं पाता जिससे उन्हें मुनाफा नहीं हो पा रहा है.

कुम्हारों का कहना है कि अगर उन्हें भी किसी तरीके से बिजली से चलने वाले उपकरण मिल जाए, जिससे वह कुल्हड़ बना सकें तो उनकी भी लागत काम आएगी. वह भी अपनी आजीविका को बेहतर कर पाएंगे. साथ ही साथ सरकार से उनका कहना है कि उनके लिए विशेष ध्यान सरकार दे और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें आवास भी उपलब्ध कराएं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details