बाराबंकी: मिट्टी के दिए और कुल्हड़ बनाने वाले कुम्हारों की स्थिति दयनीय है. वजह है प्लास्टिक और कागज की गिलास आने से बिक्री पर पड़ने वाला असर. कुल्हड़ बनाने की मशीन से भी परंपरागत तरीके से कुल्हड़ तैयार करने वाले कुम्हारों के लिए प्रतिस्पर्धा हो रही है. कुम्हारों का कहना है कि अगर पैसे होते तो कुल्हड़ बनाने की मशीन खरीदते जिससे लागत कम आती और उन्हें मुनाफा होता.
बाराबंकी: रोशनी बिखेरने वाले कुम्हारों के जीवन में अन्धकार, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान - barabanki news
बाराबंकी जिले में कुम्हारों की स्थिति दयनीय है. प्रशासन की भी कोई सहायता उन तक नहीं पहुंच पाई है. जिसके कारण उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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रोशनी बिखेरने वाले कुम्हारों के जीवन में अन्धकार
रोशनी बिखेरने वाले कुम्हारों के जीवन में अन्धकार.
कुम्हारों का कहना है कि अगर उन्हें भी किसी तरीके से बिजली से चलने वाले उपकरण मिल जाए, जिससे वह कुल्हड़ बना सकें तो उनकी भी लागत काम आएगी. वह भी अपनी आजीविका को बेहतर कर पाएंगे. साथ ही साथ सरकार से उनका कहना है कि उनके लिए विशेष ध्यान सरकार दे और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें आवास भी उपलब्ध कराएं.