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बाराबंकीः परिषदीय शिक्षकों ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए तैयार किए टीचिंग लर्निंग मैटेरियल - शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में शिक्षा को बेहतर करने के लिए परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने टीचिंग लर्निंग मटेरियल की प्रदर्शनी का आयोजन किया. इस प्रदर्शनी में बच्चों को पढ़ाई के प्रति आकर्षित किया गया.

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टीचिंग लर्निंग मटेरियल की प्रदर्शनी.

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Published : Dec 11, 2019, 11:12 AM IST

बाराबंकीः परिषदीय स्कूलों की शिक्षा को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए विभाग आये दिन तमाम प्रयास कर रहा है. साथ ही कई एजेंसियों की मदद भी ले रहा है. इसी कड़ी में शून्य नवाचार के जरिए शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने नगर के जीआईसी ऑडिटोरियम में टीएलएम यानी टीचिंग लर्निंग मटेरियल की प्रदर्शनी का आयोजन किया.

टीचिंग लर्निंग मटेरियल की प्रदर्शनी.

टीचिंग लर्निंग मटेरियल का प्रदर्शन
शून्य नवाचार के जरिए शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग के साथ अरविंदो सोसाइटी मिलकर काम कर रही है. इसके तहत पिछले दिनों हर ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया था और उनसे योजनाएं मांगी गई थी. शिक्षकों ने उन्हीं योजनाओं पर आधारित टीचिंग लर्निंग मटेरियल बनाकर उनकी प्रदर्शनी लगाई.

नायाब प्रोजेक्ट्स की प्रदर्शनी
गणित पढ़ने का आसान तरीका हो या छोटे बच्चों में पढ़ाई का आकर्षण बढ़ाने का तरीका, शिक्षकों ने एक से एक नायाब प्रोजेक्ट्स की प्रदर्शनी लगाई. वहीं इस प्रदर्शनी से बेहतर टीएलएम का चयन किया जाएगा, जिसको पूरे राज्य में लागू किया जाएगा, जिससे शिक्षा क्षेत्र में बदलाव किया जा सके.

नया करने के लिए उत्साह
शिक्षकों का मानना है कि इस पहल का खासा लाभ होगा. नई-नई तकनीकों के जरिए जहां बच्चे पढ़ाई के प्रति प्रेरित होंगे. वहीं शिक्षकों में भी कुछ नया करने के लिए उत्साह बढ़ेगा.

किन विषयों पर बने टीएलएम
शून्य नवाचार अभियान में कला शिल्प से सर्वांगीण विकास, खेल में शिक्षा, सामुदायिक सहभागिता, अभिनव शिक्षण तकनीक, बाल संसद, दैनिक बाल अखबार, छात्र प्रोफाइल भविष्य सृजन, सरल अंग्रेजी अधिगम, कांसेप्ट मैपिंग और चित्र कला के माध्यम से शिक्षा. इन सैकड़ों तरीकों को अपनाते हुए शिक्षक नवाचार कर रहे हैं.

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