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बाराबंकी: घर-घर स्टीकर लगाकर खोजे जाएंगे टीबी मरीज, 9 मार्च से अभियान शुरू - tb patient search campaign started

पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप देश को साल 2025 तक पूरी तरह टीबी मुक्त बनाने के लिए क्षयरोग विभाग ने एक बार फिर से सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान की शुरुआत की है. बाराबंकी में एक बार फिर सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान शुरू किया गया है. ये अभियान 9 से 16 मार्च तक चलाया जाएगा. उसके बाद 2 दिन के ब्रेक के बाद इसे 22 मार्च तक चलाया जाएगा.

घर-घर.
घर-घर.

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Published : Mar 9, 2022, 12:10 PM IST

Updated : Mar 9, 2022, 12:24 PM IST

बाराबंकी:पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप देश को साल 2025 तक पूरी तरह टीबी मुक्त बनाने के लिए क्षयरोग विभाग ने एक बार फिर से सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान शुरू किया है. खास बात ये कि इस अभियान के लिए लगाई गई टीमों की मॉनिटरिंग के लिए विभाग ने पहली बार एक नया तरीका निकाला है. इसके तहत अभियान में लगी टीमों को घर-घर एक खास ढंग का स्टीकर चिपकाना होगा ताकि मॉनिटरिंग एजेंसी ये सुनिश्चित कर सके कि अभियान में लगी टीम उस घर तक पहुंची है.

जानकारी देते जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. विनोद कुमार दोहरे.

बुधवार से एक बार फिर सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान शुरू किया गया है. अभियान 9 मार्च से 16 मार्च तक लगातार चलेगा. उसके बाद 2 दिन के ब्रेक के बाद इसे 22 मार्च तक चलाया जाएगा. इस अभियान में जनपद की 20 फीसदी आबादी को टारगेट बनाया गया है. जिले की 7 लाख 54 हजार 735 आबादी को चिन्हित कर इसके 1 लाख 45 हजार 197 घरों तक टीमें पहुंचेंगी.

अभियान को शत प्रतिशत पूर्ण करने के लिए 278 टीमें लगाई गई हैं. हर टीम में आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और डॉट्स प्रोवाइडर को लगाया गया है. टीमों की निगरानी के लिए क्षयरोग विभाग के 16 चिकित्साधिकारी और 61 सुपरवाइजर लगाए गए हैं. हर टीम को कम से कम 50 घर का सर्वे करना होगा. यही नहीं जिस घर का सर्वे टीम करेगी. उस घर के बाहर उसे एक विभागीय स्टीकर भी चिपकाना होगा. जिसमें टीम नंबर और घर नंबर अंकित किया जाएगा. इस स्टीकर पर विभाग का टोल फ्री नंबर अंकित है. इसके अलावा टीबी के लक्षण लिखे होंगे. इसी स्टीकर के जरिये निगरानी कमेटी ये सुनिश्चित कर सकेगी कि इस क्षेत्र तक टीम पहुंची है.

हर हाल में वर्ष 2025 तक टीबी के खात्मे के लिए विभाग धर्मगुरुओं की भी मदद ले रहा है. इस अभियान के लिए मुख्य रूप से मुस्लिम आबादी, डेरों और झोपड़ियों में रहने वाले लोगों, मलिन बस्तियों और घनी आबादी को चुना गया है.

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Last Updated : Mar 9, 2022, 12:24 PM IST

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