बाराबंकीः गन्ना विभाग ने बाराबंकी में विशेष अभियान शुरू किया है. जिसके तहत विभाग ने 30 टीमें बनायी हैं. जिसमें विभागीय कर्मचारियों के अलावा चीनी मिल के कर्मचारियों को भी लगाया गया है. गोष्ठियों के माध्यम से और पम्फलेट बांटकर कर्मचारी किसानों को खेतों में पत्तियां जलाने के दुष्प्रभावों से अवगत करा रहे हैं. अभियान का मकसद है कि गन्ने की पत्तियां किसान अपने खेतों में न जला सकें.
NGT की सख्ती का असरएनजीटी के दिशा निर्देशों के बाद खेतों में फसल अवशेषों को जलाने पर सख्ती की जा रही है. बीते दिनों धान की पराली को खेतों में न जलाने को लेकर जिला प्रशासन ने अभियान चलाया था. बावजूद इसके दर्जनों किसानों ने इस सख्ती को दरकिनार करते हुए अपने धान की पराली खेतों में ही जला डाली. जिसके चलते प्रशासन ने उन पर कार्रवाई करते हुए जुर्माना भी लगाया. गोष्ठियों के माध्यम से किसानों को किया जा रहा जागरूक खेतों में गन्ने की पत्तियां जलाने पर रोकअब जिले में गन्ने की फसल की कटाई हो रही है. गन्ने में सूखी पत्तियां निकलती हैं. अभी तक किसान इन पत्तियों को खेतों में ही जला दिया करते थे. लेकिन अब इन पत्तियों को खेतों में जलाने पर पाबंदी है. किसानों को कार्रवाई से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है. 30 टीमें गन्ना किसानों को कर रही जागरूक जागरूकता के लिए बनाई गई 30 टीमेंगन्ना विभाग ने जिले में 30 टीमें बनाई हैं जिनमें विभाग के कर्मचारियों के साथ सुगर मिल के कर्मचारियों को भी लगाया गया है. ये टीमें गांव-गांव जाकर गोष्ठियों के माध्यम से गन्ना किसानों को खेतों में पत्तियां जलाने से होने वाले नुकसान से आगाह करा रहे हैं. खेतों में कोई भी फसल अवशेष जलाने पर न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है, बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी प्रभावित होती है.