बाराबंकी:जिले में घाघरा नदी के तटीय इलाकों में बाढ़ का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. घाघरा के कटान की वजह से जिले के कई गांवों का अस्तित्व समाप्त हो गया है. जिले का टेपरा गांव भी उन्हीं गांवों में से है, जहां सबसे ज्यादा तबाही हुई है. लोगों के घर खेती और फसलें घाघरा नदी के प्रकोप की भेंट चढ़ गई हैं. वहीं प्रशासन द्वारा दी जाने वाली सहायता पर ग्रामीण निर्भर हैं. चारों तरफ पानी लग जाने के कारण बीमारियां भी फैल रही है. छोटे-छोटे बच्चे बाढ़ के खतरे से अनजान किनारों पर टहल रहे हैं.
बाराबंकी जिले का टेपरा गांव इस वक्त घाघरा की कटान से प्रभावित गांवों में से एक है. यहां पर लोगों के घर, मकान, खेत, खलिहान और फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. नदी का बहाव इतना तेज है कि कुछ भी अपने आगोश में लेने को आतुर है. डरे सहमे ग्रामीण बैठकर अपनी बर्बादी का मंजर देख रहे हैं. वहीं सरकारी दावे सिर्फ सरकारी ही साबित हो रहे हैं. ग्रामीणों को जिस लिहाज से सहायता मिलनी चाहिए उतनी सहायता पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच रही है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश भी है.
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