बाराबंकी :जिला में शनिवार को इस वर्ष की पहली मेगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान प्राधिकरण सचिव ने पिछली लोक अदालत की उपलब्धियां गिनाईं. इस दौरान जिला जज ने कहा कि दिनों-दिन कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में लोक अदालतों के सफल आयोजन के जरिए ही अदालतों का बोझ कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि न्यायिक अधिकारी लोक अदालत के कार्यक्रम को एक मिशन के रूप में लें.
क्या है लोक अदालत ?
लोक अदालत में त्वरित और कम खर्च पर न्याय दिलाने के मकसद से एक कार्रक्रम का आयोजन किया जाता है. वर्ष 1982 में इसी अवधारणा को लेकर सबसे पहली लोक अदालत का आयोजन गुजरात में किया गया था. उसके बाद इसकी सफलता को देखते हुए वर्ष 2002 से इसे स्थायी बना दिया गया.
लोक अदालत के लाभ
- कोर्ट का बोझ कम होता है.
- इससे कोर्ट फीस में बचत होती है.
- इसमें वकील की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए वकील की फीस भी बचती है.
- लोक अदालत में लंबित मामलों को त्वरित निष्तारण होता है.
- लोक अदालत का फैंसला ही अंतिम फैंसला होता है.
- लोक अदालत में हुए फैसले के विरुद्ध न तो कहीं रिवीजन होता है और न ही अपील.
- लोक अदालत में दोनों पक्षो की आम सहमति से फैंसला होता है.