बाराबंकी: जिले में आदेश जारी किया गया था कि मार्च माह में होने वाले सामान्य अनाज वितरण के साथ ही चना, चीनी और मिट्टी के तेल का वितरण प्राथमिकता के आधार पर कार्ड धारकों में कराया जाए. लेकिन इस आदेश का अनुपालन होता जिले में कहीं भी नजर नहीं आ रहा है. जिम्मेदारों द्वारा बरती जा रही लापरवाही का कोटेदार पूरी तरह से फायदा उठा रहे हैं. कोटेदार कागजों पर वितरण दिखाकर इसे घर में जमा करने की तैयारी में हैं.
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नहीं हुआ चीनी का वितरण
ग्रामीणों का कहना है कि मिट्टी के तेल और चना का वितरण नहीं किया गया है. जबकि चीनी प्रति कार्ड धारक को 3 किलो से 20 किलो के हिसाब से मिलनी थी. मिट्टी के तेल का वितरण बंद होने के बाद जिले में करीब 30 हजार लीटर केरोसिन डिपो में काफी समय से डंप पड़ा था. इसका वितरण नहीं हो पा रहा था. यही हाल चने का भी था. वितरण ना होने की वजह से ब्लॉक गोदामों में पढ़े 60 क्विंटल चने में घुन लगना शुरू हो गया. ईटीवी भारत ने प्रमुखता से खबर को प्रकाशित भी किया था. शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए मार्च में वितरण कराए जाने का आदेश जारी कर दिया था.
कार्ड धारकों पर भारी लापरवाही
शासन से मिले आदेश के बाद कागजों पर आवंटन जारी करते हुए कोटेदारों में इसका उठान करा दिया गया था. आदेश में कहा गया था कि चना और मिट्टी तेल का वितरण जिले के 113000 अंत्योदय कार्ड धारकों में प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा. साथ ही यह भी कहा गया था कि होली को देखते हुए मार्च माह में 5 तारीख से होने वाले सामान्य अनाज वितरण के साथ ही इसका वितरण अंत्योदय कार्ड धारकों में किया जाएगा. लेकिन ज्यादातर ग्राम पंचायतों जैसे बसरा, रालभरी, मदारपुर, घटवापुर आदि में इसका वितरण सिर्फ कागजों पर ही किया जा रहा है. अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अंजान बने हुए हैं. जिससे कोटेदार इसका पूरा फायदा उठाने में लगे हुए हैं. जिम्मेदारों द्वारा बरती जा रही लापरवाही गरीब कार्ड धारकों पर भारी पड़ रही है.