उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

अनोखी पहल: पुलिसकर्मियों को COTPA के अनुपालन के लिए किया जा रहा जागरूक - tvoid tobacco consumption

वर्ष 2003 में तंबाकू के दुष्प्रयोग को रोकने के लिए कोटपा कानून (COTPA- सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट) बनाया गया था, लेकिन उसका सही ढंग से अनुपालन न होने से आज तक एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हो सका. लिहाजा इस कानून के अनुपालन के लिए पुलिसकर्मियों को ट्रेंड किया जा रहा है.

etv bharat
पुलिसकर्मियों को दी गई COTPA की जानकारी.

By

Published : Dec 20, 2019, 1:36 PM IST

बाराबंकी: धूम्रपान से आए-दिन हो रही मौतों से चिंतित स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा अभियान शुरू किया है. इसके दुष्प्रयोग को रोकने के लिए वर्ष 2003 में बने कोटपा कानून के अनुपालन के लिए स्वास्थ्य विभाग पुलिस कर्मियों को न केवल जागरूक कर रहा है, बल्कि इस कानून की बारीकियों से भी रू-ब-रू करा रहा है.

पुलिसकर्मियों को दी गई COTPA की जानकारी.

2003 में बना COTPA
वर्ष 2003 में इसके दुष्प्रयोग को रोकने के लिए कोटपा कानून (COTPA- सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट) बनाया गया था, लेकिन उसका सही ढंग से अनुपालन न होने से आज तक एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हो सका. लिहाजा इस कानून के अनुपालन के लिए पुलिसकर्मियों को ट्रेंड किया जा रहा है.


क्या है कोटपा कानून

  • COTPA यानी सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रॉडक्ट्स एक्ट.
  • वर्ष 2003 में बना था ये कानून.
  • एक्ट की धारा 4 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थान जैसे अस्पताल, सभागृह, रेलवे स्टेशन, रेस्टोरेंट, शासकीय कार्यालयों, न्यायालय परिसर, शिक्षण संस्थानों और अन्य कार्य स्थलों में धूम्रपान करना अपराध है.
  • धारा 5 के अंतर्गत तंबाकू या तम्बाकू उत्पादकों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध है.
  • धारा 6 (a) के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति द्वारा तंबाकू बेचना प्रतिबंधित है.
  • धारा 6 (b) के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू बेचना प्रतिबंधित है.
  • धारा 7 के अंतर्गत तंबाकू और तंबाकू उत्पादों पर चित्रमय सवास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित होनी चाहिए.
  • धारा 21 व 24 के अंतर्गत धारा 4 से 6 का उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है.

जिला स्वास्थ्य समिति के आंकड़ों के मुताबिक 35 लाख वाले बाराबंकी जिले में 23 फीसदी लोग ऐसे हैं जो तम्बाकू या उससे बने उत्पादों का प्रयोग कर रहे हैं. दुखद ये है कि 18 से 25 वर्ष का युवा इनका इस्तेमाल सबसे ज्यादा कर रहा है. तम्बाकू इस्तेमाल करने वाले 23 फीसदी लोगों में हर वर्ष 40 फीसदी लोग असमय काल के गाल में समा जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग समेत तमाम स्वयं सेवी संस्थाएं इसको लेकर खासी चिंतित हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details