बाराबंकी : जिले में बड़े भाई की डांट से बचने के लिए एक युवक ने ऐसा ड्रामा किया जिससे न केवल परिजन परेशान रहे बल्कि एक हफ्ते तक पुलिस भी हलकान रही, लेकिन बंद चल रहा युवक का मोबाइल जैसे ही कुछ क्षणों के लिए ऑन हुआ इस ड्रामे का राजफाश हो गया.
कहानी कुछ यूं है...
बीते 20 अक्टूबर की सुबह थाना रामसनेहीघाट के भगवानपुर गांव की तरफ जाने वाले रास्ते पर तालाब के किनारे एक लावारिस मोटरसाइकल बरामद हुई, साथ ही पास के तालाब में हेलमेट मिला. गाड़ी नम्बर के आधार पर जब पड़ताल शुरू हुई तो ये गाड़ी उन्नाव जिले के राजकुमार की निकली. पुलिस द्वारा राजकुमार से बात करने पर पता चला कि वो नेचुरल फ्रूट प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ में काम करता है. उसी के साथ राजस्थान के भरतपुर जिले के बयाना थाने के फरसो का रहने वाला चन्द्रशेखर भी काम करता है. राजकुमार ने बताया कि 19 अक्टूबर को चंद्रशेखर कम्पनी के बकाया वसूली के लिए राजकुमार की मोटरसाइकिल लेकर निकला था लेकिन जब वो नहीं लौटा तो चंद्रशेखर के भाई ने कम्पनी मालिक को बताया और लखनऊ के सरोजिनीनगर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी.
केस को पुलिस ने बनाया चैलेंज
पुलिस अधीक्षक ने इस गुमशुदा चन्द्रशेखर की तलाश को चैलेंज स्वरूप लिया. पुलिस ने तहकीकात शुरू की तो पता चला कि चंद्रशेखर के भगवानपुर गांव के रहने वाले संतोष से व्यापारिक सम्बन्ध थे. पुलिस ने संतोष समेत कई लोगों से पूछताछ की लेकिन कोई सार्थक नतीजा नहीं निकला.
उलझ गई पुलिस
चन्द्रशेखर का अंतिम लोकेशन ट्रांसपोर्टनगर लखनऊ दिखा रहा था, जबकि उसकी बाइक और हेलमेट बाराबंकी के रामसनेही घाट थाना क्षेत्र में मिला. उसके बाद से उसका मोबाइल बंद चल रहा था. पुलिस को ये मामला पेचीदगी भरा लगा और वो इस गुत्थी को सुलझाने में लग गई. इसके लिए मोबाइल सर्विलांस पर लगा कर पुलिस उसकी लोकेशन पर नजर रखने लगी. लेकिन मोबाइल ऑफ होने से कोई सुराग नही मिल रहा था.