बाराबंकी:जिले में आम नागरिकों पर एक बार फिर पुलिस का कहर टूटा है. सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराए जाने के नाम पर ढाए जा रहे कहर का विरोध करने पर पुलिस ने चार युवकों को बर्बरता से पीटा है. ये चारों युवक सगे भाई हैं और इनमें से एक भाई मशहूर कथा वाचक भी है. पुलिसकर्मियों द्वारा की गई इस मारपीट को लेकर पीड़ितों ने पुलिस कप्तान से शिकायत की है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कप्तान ने प्रथम दृष्ट्या लापरवाही पाए जाने पर एक आरक्षी को निलंबित कर दिया है. साथ ही एडिशनल एसपी को पूरे मामले की जांच सौंप दी है.
बाराबंकी: पुलिस का दिखा अमानवीय चेहरा, चार भाइयों को जमकर पीटा
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक बार फिर पुलिस की बर्बरता देखने को मिली है. सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराए जाने के नाम पर पुलिस ने चार सगे भाइयों को जमकर पीटा है. मामले में पुलिस कप्तान ने कार्रवाई करते हुए एक आरक्षी को निलंबित कर दिया है.
पुलिस ने चार भाइयों को पीटा
मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के सौरडगा गांव के रहने वाले मशहूर कथा वाचक सर्वेश कुमार मिश्रा अपने तीन भाई अशोक, राकेश और मुकेश के साथ मसौली थाना क्षेत्र के बांसा कस्बा जा रहे थे. एक परिचित के घर उन्हें एक विवाह प्रस्ताव पर चर्चा करनी थी. अभी ये लोग बांसा स्थित मजार के पास पहुंचे कि सामने पुलिस फोर्स खड़ी थी और सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर लोगों का उत्पीड़न कर रही थी. रास्ता बंद देख ये चारों लोग वापस मुड़ने लगे. उसी बीच कुछ पुलिस वाले उनके पास आ गए और उन लोगों पर रौब दिखाने लगे. सर्वेश के मुताबिक, हम लोग हेलमेट भी लगाए थे और मास्क भी पहने थे.
पुलिस कप्तान ने की कार्रवाई
बता दें कि आरक्षी उपेंद्र सिंह ने कथा वाचक को पीटना शुरू कर दिया. विरोध करने पर आरक्षी ने चारों भाइयों पर बर्बरता की हद पार कर दी. यही नहीं, पुलिसकर्मियों ने इन्हें धमकी देते हुए थाने बुलाया और कहा कि इतने मुकदमे लिख दूंगा कि जिंदगी खराब हो जाएगी. इसी डर और दहशत के चलते ये लोग थाने नहीं गए. किसी तरह रामनगर पहुंचे, वहां अपना इलाज कराया और डरे-सहमे घर चले गए. इन लोगों के साथ हुई बर्बरता की जानकारी पर ब्राह्मण समाज के कई लोग आगे आये और उन्होंने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस कप्तान डॉ. अरविंद चतुर्वेदी से शिकायत करने का फैसला किया. शुक्रवार को इन चारों पीड़ितों ने पुलिस कप्तान को पुलिस की बर्बरता की बात बताई. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने आरोपी आरक्षी हरेंद्र सिंह को निलंबित करते हुए पूरे मामले की जांच एडिशनल एसपी को सौंप दी है.