बाराबंकी:जिले में बुधवार को अपने सगे चाचा को मौत के घाट उतारने वाले गोद लिए बेटे और उसकी पत्नी को बाराबंकी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. अभियुक्तों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त डंडा भी बरामद कर लिया गया है.
बताते चलें कि मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के लालापुर मजरे टेनवा गांव में बुधवार को सुबह गयासुद्दीन की उसके सगे भतीजे ने पत्नी के साथ मिलकर हत्या कर दी थी. गयासुद्दीन की पत्नी की चीख-पुकार पर पड़ोसी मौके पर पहुंचे. तब तक आरोपी भतीजा अलाउद्दीन उर्फ मटरू पत्नी के साथ भाग गया.
गुरुवार को हुई गिरफ्तारी
मोहम्मदपुर खाला थानाध्यक्ष मनोज शर्मा को खबर मिली कि आरोपी हसीब बाड़ा तिराहे पर मौजूद है. इस सूचना पर थानाध्यक्ष ने अपनी टीम के साथ पहुंचकर आरोपी अलाउद्दीन उर्फ मटरू और उसकी पत्नी जैनब को गिरफ्तार कर लिया. इनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त बांस का डंडा भी बरामद कर लिया गया है.
क्या थी घटना
बीते बुधवार को करीब दस बजे गयासुद्दीन और गोद लिए बेटे अलाउद्दीन उर्फ मटरू में विवाद शुरू हो गया था. विवाद बढ़ते ही अलाउद्दीन ने घर में रखे बांस के डंडे से चाचा पर हमला कर दिया. इसके बाद उसकी हत्या कर दी थी. इस काम में मटरू की पत्नी जैनब ने भी मदद की थी. पति को बचाने दौड़ी सरीफुन को भी उसने पीटकर जख्मी कर दिया था. सरीफुन के चिल्लाने पर आस-पड़ोस के लोग दौड़े. इसके बाद मौके से अलाउद्दीन और जैनब फरार हो गए.
चाचा ने बेटे की तरह की थी परवरिश
करीब ढाई दशक पहले जब आरोपी अलाउद्दीन महज 7 माह का था, तभी उसकी माता की मौत हो गई थी. पत्नी की मौत के बाद अलाउद्दीन के पिता मोहयउद्दीन ने दूसरी शादी कर ली और दुधमुहे बच्चे अलाउद्दीन को छोड़कर पत्नी को साथ लेकर अलग चला गया. मोहयउद्दीन के भाई गयासुद्दीन ने अलाउद्दीन को गोद ले लिया था. गयासुद्दीन की कोई संतान नहीं थी. उसने अलाउद्दीन का अपने बच्चे की तरह पालन पोषण किया. गयासुद्दीन और सरीफुन दोनों ने अलाउद्दीन को हर सुख दिया. देखते-देखते अलाउद्दीन बड़ा हो गया. लिहाजा दोनों पति-पत्नी ने उसकी शादी करने का फैसला लिया. शादी के लिए दोनों ने खेत गिरवी रख दिया, ताकि बहू को जेवर बनवा सकें. बड़ी हसरतों के साथ दोनों ने पिछले वर्ष धूमधाम से अलाउद्दीन की शादी कर दी.
गिरवी खेत छुड़ाना चाहता था मृतक
शादी के बाद परिवार खुश था, लेकिन कुछ दिनों पहले गयासुद्दीन ने बेटे अलाउद्दीन से गिरवी रखे खेत को छुड़ाने की बात कही. उसने कहा कि शादी में दिए जेवर बेचकर खेत छुड़ा लिया जाए. फिर बाद में धीरे-धीरे खेत से जो मिलेगा उससे जेवर बनवा लिए जाएंगे. इस पर अलाउद्दीन ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई. कुछ दिनों बाद जब गयासुद्दीन ने उससे यही बात दोहराई तो उसने बताया जेवर ससुराल में हैं और टाल-मटोल करने लगा था. बीते बुधवार को जब एक बार फिर गयासुद्दीन ने उससे जेवर मांगे तो दोनों में विवाद हुआ. इसके बाद उसने पत्नी जैनब के साथ मिलकर गयासुद्दीन की हत्या कर दी.