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पुलिस ने एक ऐसे जालसाज को किया गिरफ्तार, जिसकी करतूत सुनकर हो जाएंगे हैरान

बाराबंकी में पुलिस ने टूर और ट्रैवेल एजेंसी की आड़ में दूसरे की लग्जरी गाड़ियों को बेचने वाले ठग को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने ठग की निशानदेही पर 32 लग्जरी वाहन भी बरामद किया है.

बाराबंकी.
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Published : Jun 12, 2021, 11:07 PM IST

बाराबंकीः जिले में पुलिस ने अनोखे ढंग के एक क्राइम का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने एक ऐसे शातिर को गिरफ्तार किया है, जो टूर और ट्रैवेल एजेंसी की आड़ में लग्जरी गाड़ियों के मालिकों से हर महीने 10 से 50 हजार रुपये देने का एग्रीमेंट कर उनके वाहन अपनी एजेंसी पर लगाता था. इसके कुछ महीने बाद ही धोखाधड़ी करके इन वाहनों को दूसरों को बेच देता था. पुलिस ने एक वाहन मालिक की शिकायत पर जांच की तो गोरखधंधे का खुलासा हो गया. पुलिस ने इस गोरखधंधे के मास्टरमाइंड टूर एंड ट्रैवेल संचालक को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 32 लग्जरी चार पहिया वाहन बरामद किए हैं. पुलिस अब इस गिरोह में शामिल और लोगों की तलाश में जुट गई है.

वाहन स्वामी की शिकायत पर हुआ पर्दाफाश
9 जून को टिकैतनगर थाना क्षेत्र के हसौर निवासी पवन कुमार मौर्या ने नगर कोतवाली में तहरीर दी कि आरआर कार बाजार एंड ट्रेवल्स लखनऊ के मालिक रजीउल्ला खान ने मेरी होंडा कार WRV नम्बर UP 32 KU 1148 को प्रतिमाह दो हजार रुपये किराया देने के नाम पर इकरारनामा किया था. लेकिन 4 महीने तक किराया देने के बाद बंद कर दिया. पता चला है कि उसने मेरी गाड़ी को कूटरचित दस्तावेज तैयार करके धोखाधड़ी करके बेच दिया है. गाड़ी वापस मांगने पर गाली और धमकी दी जा रही है. इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पड़ताल शुरू की.

बाराबंकी.
32 वाहन भी बरामदपुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने इस गोलमाल के खुलासे के लिए सर्विलांस, स्वाट और नगर कोतवाली टीम को लगाया. शनिवार को पुलिस ने शातिर अभियुक्त रजीउल्ला खान निवासी मोहल्ला बांसगांव महोली, थाना हुजूरपुर बहराइच को बाराबंकी रोडवेज बस स्टॉप से गिरफ्तार कर लिया. इसकी निशानदेही पर धोखाधड़ी कर बेची गई 32 लग्जरी चार पहिया गाड़ियां बरामद कर ली गई.वाहन मालिकों को ऐसे देता था प्रलोभनअभियुक्त का लखनऊ के हजरतगंज में आरआर कार बाजार टूर एंड ट्रेवल्स नाम से ऑफिस है. अभियुक्त ऑफिस के सहारे लोगों से अपनी गाड़ियों को ट्रैवल्स में लगाने और बदले में हर महीने अच्छा किराया देने का प्रलोभन देकर गाड़ी अपनी एजेंसी में लगवा देता था. इसके लिए वो वाहन मालिक से एक खरीद बिक्रीनामा फर्जी ढंग से तैयार करके गाड़ियों की बिक्री होने तक 10 हजार से लगाकर 50 हजार रुपये हर महीने किराया देने की बात कहता था. दो- तीन महीनों तक तो वो वाहन मालिकों को किराया देता रहता था लेकिन उसके बाद वाहन स्वामियों के फोन उठाने बन्द कर देता था. यही नहीं किसी भी गाड़ी मालिक के ऑफिस पहुंचने पर वो ऑफिस से गायब हो जाता था.

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ऐसे बेचता था वाहन
नटवरलाल अभियुक्त इन गाड़ियों को सस्ते दामों पर बेचने के लिए ग्राहक तलाश कर उनसे सौदा कर लेता था.ग्राहक को भी वो अपने शीशे में उतार लेता था.ग्राहकों से वो सौदा की गई तय रकम का 80 फीसदी देने को कहता था और 20 फीसदी रकम वाहन ट्रांसफर कराने के वक्त देने को कहता था. पुलिस के मुताबिक इस नटवरलाल ने अब तक सौ वाहनों को इसी तरह बेच डाला है. पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने बताया कि इस गिरोह में और लोग भी शामिल हो सकते हैं जिनकी तलाश की जा रही है.

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