बाराबंकी:जिले में बीती 7 जुलाई को एक युवती का शव दो हिस्सों में ट्राली बैग और एक बड़े बैग में हाइवे से मिला था. पुलिस ने रविवार को मामले का खुलासा करते हुए आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि बिजली के बिल के जरिए आरोपी तक पुलिस पहुंची है. आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चाकू, चापड़, लोहे का पाइप और हत्या में प्रयुक्त कार समेत तमाम सामान बरामद किए हैं.
मामला लखनऊ-अयोध्या हाइवे के नगर कोतवाली स्थित सफेदाबाद का है. केवाड़ी मोड़ के करीब बीती 7 जुलाई को एक ट्रॉलीबैग में एक युवती का कई हिस्सों में कटा हुआ धड़ मिला था. उससे कुछ ही दूरी पर एक बैग में कटा हुआ सिर पाया गया था. ट्रॉली बैग में कई कपड़े थे, जिनके आधार पर पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिये युवती के शव की शिनाख्त की कोशिश की, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका था.
बिजली के बिल ने खोला राज
पुलिस ने ट्रॉली बैग को खंगाला तो बैग की जेब में कटे फटे चार टुकड़ों में एक पुराना बिजली का बिल मिला. पुलिस टीम ने बड़ी मुश्किलों से मीटर नम्बर नोट किया. इस नम्बर की मदद से जब बिजली विभाग से कागजात खंगाले गए तो केस परत दर परत खुलता चला गया.
पकड़ में आया हत्यारा
ये बिल लखनऊ के इंदिरानगर थाने के खरगापुर फरीदीनगर चेतन बिहार कॉलोनी निवासी रिज़वाना के नाम था. पुलिस टीम जब रिजवाना के घर पर पहुंची तो पता चला कि उस घर को डेढ़ वर्ष पहले किसी ने खरीद लिया है. आसपास के लोगों से पुलिस टीम ने पूछताछ की तो पता चला कि उस घर में समीर नाम का युवक रहता था.
पुलिस ने आस पड़ोस से समीर का मोबाइल नम्बर प्राप्त किया और फोन को सर्विलांस पर रखके जांच किया. जांच में 5 जुलाई को उसके मोबाइल की लोकेशन सफेदाबाद केवाड़ी मोड़ के आसपास की मिली, जहां पर शव पाया गया था. बाद में समीर की वर्तमान लोकेशन बलरामपुर जिले की मिली. लिहाजा पुलिस को सर्विलांस के जरिए मुम्बई के बांद्रा इलाके से बातचीत के प्रमाण मिले.
जब पुलिस कप्तान ने मुम्बई पुलिस से बात की तो पता चला कि वहां एक युवती की गुमशुदगी दर्ज है. पुलिस को यकीन हो गया था कि जिस युवती की हत्या हुई है, वही युवती मुम्बई से लापता है. रविवार को समीर नेपाल भागने की फिराक में था, तभी पुलिस ने उसे इंदिरानगर से गिरफ्तार कर लिया.
क्या थी हत्या की वजह
समीर खान मूल रूप से बलरामपुर जिले के महराजगंज थाने के गुलरिहा का निवासी है. नवम्बर 2017 में समीर का विवाह आंध्र प्रदेश की आयशा के साथ हुआ. लॉकडाउन के दौरान जब समीर का धंधा ठप हो गया तो वो मुंबई से अकेले ही अपने घर बलरामपुर लौट आया. बाद में वह जब भी आयशा को फोन मिलाता तो फोन व्यस्त आता. इस दौरान समीर को अपनी पत्नी आयशा पर शक होने लगा. समीर ने आयशा को भी 25 जून को लखनऊ बुला लिया.
आयशा ने समीर से अपने पैतृक गांव गुलरिहा बलरामपुर चलने को कहा, लेकिन समीर आयशा को बलरामपुर नहीं ले जाना चाहता था. बीती 5 जुलाई को दोनों में इन्हीं सब बातों को लेकर कहासुनी हुई. इस दौरान गुस्से में आकर समीर ने लोहे का पाइप आयशा के सिर पर मार दिया, जिससे वो बेहोश होकर गिर गई.
उसके बाद समीर चिकन के दुकान पर जाकर मीट काटने वाला चापड़ लेकर आया और उससे आयशा के शरीर के टुकड़े कर दिए. फिर समीर ने आयशा के अंगों को एक बैग और एक ट्रॉली में रखा. इसी ट्रॉली बैग की एक जेब में कटा फटा बिजली का बिल रखा था. शाम के समय समीर ने दोनों बैग को लखनऊ-अयोध्या हाइवे पर सफेदाबाद के नजदीक केवाड़ी मोड़ पर फेंक दिया और बलरामपुर चला गया.