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बाराबंकी: पीएल पुनिया ने सरकार को घेरा, कहा वित्त मंत्री को अर्थव्यवस्था की जानकारी नहीं

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पीएल पुनिया ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अमित शाह और भाजपा के लोग इस प्रकार की भाषा बोलते हैं, जिससे राजनीति गर्म होती है. हिंदी का अपना एक विशेष महत्व है, लेकिन क्षेत्रीय संस्कृति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पीएल पुनिया.

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Published : Sep 15, 2019, 11:45 PM IST

बाराबंकी: रविवार को जिले में पहुंचे कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता पीएल पुनिया ने हिंदी को लेकर अमित शाह के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि हिंदी का अपना स्थान है लेकिन अमित शाह ऐसी भाषा बोलते हैं, जिससे राजनीतिक माहौल गर्म होता है. हिंदी को लागू करने के लिए लगातार प्रयास होता रहा है. ऐसी परिस्थितियां बनाई जाएं, जिससे दक्षिण भारत में भी हिंदी का प्रचलन बाकी जगहों की तरह हो. लेकिन उसको आदेश की तरह लागू करना ठीक नहीं है. क्षेत्रीय भाषा, संस्कृति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. उसको हर हाल में रखना ही पड़ेगा परंतु अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी हमेशा क्षेत्रीय भावनाओं को नजरअंदाज करती हैं.

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पीएल पुनिया.

सरकार में योग्यता नाम की चीज नहीं

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के न्यूटन वाले बयान पर कहा कि इस सरकार में योग्यता नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. ग्रेविटी का ताल्लुक न्यूटन से है या आइंस्टीन से, जो लोग इस बात को भी नहीं जानते, वही लोग सरकार में सर्वेसर्वा हैं. आज मंदी का दौर है लेकिन मंदी के बारे में कोई चर्चा नहीं हो रही है, सिर्फ राजनीति हो रही है. किसको जेल में बंद करना है, किसको ईडी का नोटिस भेजना है. इसी मामले में भाजपा के लोगों को महारथ हासिल है.

आर्थिक मंदी होना चाहिए देश का एजेंडा

आज देश का एजेंडा है कि किस तरह से आर्थिक मंदी को ठीक किया जाए, कैसे इसको पटरी पर लाया जाए, लेकिन सरकार का एजेंडा आर्थिक सुधार नहीं केवल राजनीति करना है. वित्त मंत्री के ओला-उबर पर दिए गए बयान पर पीएल पुनिया ने कहा कि वित्त मंत्री को आर्थिक मामलों की जानकारी नहीं है वरना इस प्रकार की बयानबाजी नहीं करतीं. जिस प्रकार की मंदी ऑटोमोबाइल सेक्टर में है, 31 फ़ीसदी की गिरावट है. मारुति उद्योग जो ऑटोमोबाइल सेक्टर में 50% से ज्यादा कंट्रीब्यूशन करता था, उसे अपने प्लांट को 2 दिन के लिए बंद करना पड़ा. 3.5 लाख नौकरियां ऑटोमोबाइल सेक्टर में जा चुकी हैं. उसका केवल कारण यह बता देना कि ओला और उबर का ज्यादा इस्तेमाल नौजवान कर रहे हैं, इससे ज्यादा बचकानी बात और क्या हो सकती है.

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