बाराबंकी:यूं तो देवा मेला में आपको खाने-पीने की तमाम चीजें मिल जाएंगी. लेकिन मेले में हलवा-पराठा खाने से लोग अपने आपको रोक नहीं पाते. इस पराठे के बड़े साइज को देखकर लोग इसे साबू पराठा भी बोल देते हैं. पिछले तीन दशकों से हलवे और पराठे के लिए मेले में जमजम होटल की एक अलग ही पहचान है.
हलवा और खास ढंग से बना पराठा भी है देवा मेले की पहचान दुकानदार की मानें तो खास ढंग के पराठे और घी, शक्कर, सूजी और मेवे से मिलकर तैयार होने वाला हलवा बनाने की तकनीक उनके पुरखे पंजाब से सीखकर आए थे. मेले में आने वाले जायरीन इस हलवे और पराठे को खाए बिना आगे नहीं बढ़ते. कई जायरीन इस हलवे और पराठे को पैक कराकर घर भी ले जाते हैं.
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क्या है पराठा बनाने की विधि
इस बड़े साइज के पराठे पर गौर करिए, जिसकी देवा मेले में खासी धूम है. इसे बनाने का भी एक खास तरीका है. पहले मैदे में पानी और हल्का नमक मिलाकर मिक्स किया जाता है. इसके बाद उसमें घी डालकर गूथा जाता है. मैदे को गूथकर उसे कई बार लपेटा जाता है, जिससे उसमें कई परतें पड़ जाएं.
इसके बाद इसे खास ढंग से बेलकर बड़ा कर दिया जाता है. फिर एक बड़ी कड़ाही में घी में तल दिया जाता है. बड़े साइज के पराठे बनाने का मकसद है मुलायम और आसानी से टूट सके, जिससे इस लजीज पराठे को खाने में आसानी रहे.