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मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगेस्टर मामले में एक बार फिर नहीं हो सकी सुनवाई, जानिए क्या रही वजह?

बाराबंकी में मुख्तार अंसारी गैंगेस्टर (Gangster) मामले में एक बार फिर सुनवाई टल गई है. इस मामले में 13 लोग आरोपी हैं. एमपीएमएलए कोर्ट (Mp-Mla Court) में मुख्तार की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 25, 2023, 8:48 PM IST

मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन

बाराबंकी :मुख्तार अंसारी गैंगेस्टर मामले में सोमवार को बाराबंकी की अदालत में सुनवाई हुई. मामले में गवाही के लिए अभियोजन गवाह को आना था, लेकिन गवाह के पिता की तबियत खराब हो जाने के कारण वह अदालत में उपस्थित नहीं हो सका. लिहाजा न्यायालय ने गवाही के लिए अगली तारीख 30 सितंबर नियत कर दी. इस दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की अपर सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई. मामले में दो आरोपी उपस्थित रहे, बाकी अभियुक्तों की तरफ से हाजिरी माफी दी गई थी.

मुख्तार अंसारी की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी : मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव (एमपीएमएलए कोर्ट) में मुख्तार अंसारी समेत 13 आरोपियों के विरुद्ध गैंगस्टर का मुकदमा चल रहा है. इस मामले में मुख्तार अंसारी समेत 13 आरोपी हैं. सोमवार को मामले में अभियोजन के गवाह नंबर तीन इंस्पेक्टर सुरेंद्र प्रताप सिंह को सोमवार को उपस्थित होना था, लेकिन गवाह के पिता की तबियत खराब हो जाने के चलते वह नहीं आ सके. कोर्ट ने गवाही के लिए अगली तारीख 30 सितंबर नियत कर दी. सुनवाई के दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई. मामले के दो आरोपी डॉ. अलका राय और राजनाथ यादव कोर्ट में उपस्थित हुए, बाकी के आरोपियों की ओर से हाजिरी माफी दी गई थी. मामले में वादी मुकदमा तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक नगर कोतवाली सुरेश पांडे, तत्कालीन एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह की गवाही और जिरह पूरी हो चुकी है.

क्या है एंबुलेंस मामला :31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई, जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी ने किया था. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग (Barabanki Transport Department) में हड़कंप मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग (Barabanki Divisional Transport Department) ने जब इस एंबुलेंस की पड़ताल की तो पता चला कि इसका रिन्यूवल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी (fake voter id) से पंजीकृत पाई गई. इस मामले में मऊ की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 को एआरटीओ प्रशासन द्वारा मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए मुख्तार का नाम भी बढ़ाया गया था.

13 आरोपी सामने आए :विवेचना के दौरान मामले में 13 आरोपी सामने आए, जिनमें मुख्तार अंसारी, डॉ अलका राय, डॉ शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मोहम्मद जाफरी उर्फ शाहिद, आनंद यादव, मुहम्मद सुहैब मुजाहिद, अफरोज खां उर्फ चुन्नू, जफर उर्फ चंदा, सुरेंद्र शर्मा, सलीम, मोहम्मद शाहिद और फिरोज कुरैशी के नाम सामने आए. इन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था. मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है. इस मामले में बाद में मुख्तार समेत सभी 13 अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगस्टर की भी कार्यवाही की गई थी.

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