बाराबंकी:लोक अदालतों के जरिये न केवल अदालतों का बोझ कम हो रहा है बल्कि 'न्याय चला निर्धन से मिलने' की मंशा भी सौ फीसदी चरितार्थ हो रही है. ये जिला एवं सत्र न्यायाधीश राधेश्याम यादव का कहना है. शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय मेगा लोकअदालत की कार्यवाही का जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने निरीक्षण किया. ज्यादा से ज्यादा वादों के निस्तारण के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने पहले से ही शत प्रतिशत नोटिसों की तामीला कराई थी. यही वजह रही कि वादकरियों की जबरदस्त भीड़ नजर आई. 'न्याय चला निर्धन से मिलने' की मंशा को लेकर आयोजित होने वाली इन लोक अदालतों के जरिये एक ओर जहां अदालतों की पेंडेंसी कम हो रही है तो वहीं वादकारियों को अदालतों के चक्कर लगाने से भी निजात मिल रही है.
वादकारियों में दिखा जोश
शनिवार को बाराबंकी में भी राष्ट्रीय मेगा लोकअदालत का आयोजन किया गया. तकरीबन 60 हजार मामलों के निस्तारण का लक्ष्य लेकर आयोजित हुई इस लोक अदालत की शत प्रतिशत सफलता के लिए पिछले एक महीने से तैयारियां की जा रही थी. जिला जज राधेश्याम यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस लोक अदालत में वादों के शत प्रतिशत निस्तारण के लिए न्यायिक अधिकारी पूरी तन्मयता से लगे रहे. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव संजय कुमार और लोक अदालत के नोडल अधिकारी एडीजे अशोक यादव ने पूरी नजर बनाए रखी.
- बैंकों से सम्बंधित वाद- 31870
- तहसील एवं राजस्व वाद- 12903
- स्थायी लोक अदालत के केस- 17
- दीवानी न्यायालय के वाद- 421
- क्रिमिनल शमनीय मामले- 9765
- 138 एनआई एक्ट- 100
- मेट्रीमोनियल केस- 69
- अन्य विभागों के केस- 3446
- कुल मामले तकरीबन- 60 हजार