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Mukhtar ansari ambulance case: मामले में चार्जशीट दाखिल, अगली सुनवाई 19 जुलाई को

एम्बुलेंस प्रकरण में सोमवार को मुख्तार अंसारी की सुनवाई हुई. बांदा जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. इस मामले में सोमवार को ही विवेचक ने आरोप पत्र भी दाखिल किया जिसे माननीय सीजेएम ने अवलोकन के बाद अगली तारीख 19 जुलाई को नियत कर दिया.

Mukhtar ansari ambulance case
Mukhtar ansari ambulance case

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Published : Jul 6, 2021, 4:56 AM IST

Updated : Jul 6, 2021, 7:42 AM IST

बाराबंकी :माफिया मुख्तार अंसारी एम्बुलेंस प्रकरण (ambulance case) में सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई हुई. इस मामले में सोमवार को विवेचक (investigating officer) द्वारा आरोप पत्र (charge sheet) भी दाखिल किया गया. इसे अवलोकन के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए सीजेएम कोर्ट (CJM court ) द्वारा 19 जुलाई तारीख नियत की गई है.

एम्बुलेंस प्रकरण में सोमवार को मुख्तार अंसारी की सुनवाई हुई. बांदा जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. इस मामले में सोमवार को ही विवेचक ने आरोप पत्र भी दाखिल किया जिसे माननीय सीजेएम ने अवलोकन के बाद अगली तारीख 19 जुलाई को नियत कर दिया.

यह भी पढ़ें :एम्बुलेंस मामले में माफिया मुख्तार अंसारी की हुई सुनवाई, बैरक में टीवी लगवाने की मांग

बजट मिलने पर दिलाया जाएगा टेलीविजन

मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान पिछली पेशी 28 जून को मुख्तार अंसारी ने सीजेएम से मांग की थी कि सूबे की तमाम जेलों में निरुद्ध बंदियों को टीवी की सुविधा मिल रही है लेकिन उनको ये सुविधा नहीं दी जा रही. इसको कोर्ट ने अपने ऑर्डर में कोट किया कि शासन स्तर पर बजट उपलब्ध होने पर टेलीविजन उपलब्ध कराया जाएगा.

क्या है मामला

बताते चलें कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्ष 2013 में एक एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. इस एंबुलेंस का प्रयोग मुख्तार अंसारी द्वारा किया जा रहा था. पंजाब के रोपण जेल में बंद मुख्तार द्वारा पेशी पर इसी एंबुलेंस से मोहाली कोर्ट जाने के दौरान ये एम्बुलेंस चर्चा में आई थी. बाराबंकी जिले के UP41 AT 7171 नम्बर वाली एंबुलेंस ने हड़कंप मचा दिया था.

बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग में जब इस एंबुलेंस की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि इसका रिनिवल ही नही कराया गया था.

कागजात खंगाले गए तो ये डाॅ. अलका राय की फर्जी आईडी से पंजीकृत पाई गई. इस मामले में डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए मुख्तार का नाम भी बढ़ाया गया था.

दो आरोपियों की जमानत पर सुनवाई 09 को इस मामले में मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में निरुद्ध किया गया है तो डाॅ. अलका राय, शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, आनंद यादव, मो. शुएब मुजाहिद और सलीम को बाराबंकी पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.

डॉ. अलका राय, शेषनाथ राय, राजनाथ यादव और आनंद यादव की जमानत खारिज हो चुकी है जबकि दो आरोपियों शुएब मुजाहिद और सलीम की जमानत अर्जियों पर 09 जुलाई को सुनवाई होनी है.

Last Updated : Jul 6, 2021, 7:42 AM IST

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