बाराबंकी:मुख्तार अंसारी चर्चित एंबुलेंस मामले में मंगलवार को बाराबंकी की अदालत में मामले के वादी मुकदमा तत्कालीन एआरटीओ के बयान दर्ज किए गए. बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से गवाह से जिरह की गई. जिरह पूरी न हो पाने से मामले में अगली तारीख 26 जुलाई नियत की गई है. इस दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई. गवाही की पूरी प्रक्रिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में ही हुई. इसकी पूरी प्रक्रिया मुख्तार अंसारी ने देखी.
मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि एसीजेएम कोर्ट नम्बर-19 (एमपी एमएलए कोर्ट) विपिन यादव की कोर्ट में सरकार बनाम डॉ अलका राय व अन्य का मुकदमा विचाराधीन है. इस मामले में मंगलवार को वादी मुकदमा और तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह बतौर गवाह पेश हुए. वादी मुकदमा के बयान दर्ज किए गए. आरोपियों के अधिवक्ता ने जिरह की. जिरह पूरी नहीं हो पाने से कोर्ट ने अगली तारीख 26 जुलाई नियत की है. इस मामले में मुख्तार अंसारी सहित 13 आरोपी हैं. मामले में मंगलवार को मुख्तार अंसारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई. मामले के तीन आरोपी शुहैब मुजाहिद,अफरोज खां और शाहिद कोर्ट में हाजिर हुए, जबकि बाकी के आरोपियों की ओर से हाजिरी माफी दी गई.
31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी ने किया था. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग ने जब इस एंबुलेंस की पड़ताल की तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी से पंजीकृत पाई गई.