उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बाराबंकी: संदिग्ध परिस्थितियों में मां-बेटी की मौत, पति और दो पुत्रों की हालत नाजुक

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में संदिग्ध परिस्थितियों में मां-बेटी की मौत हो गई. वहीं पति और दो बेटों की हालत गंभीर बनी हुई है, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. आशंका जताई जा रही है कि फूड प्वाइजनिंग के चलते इनकी हालत बिगड़ी है. फिलहाल मामले की जांच में जुटी पुलिस ने मां के शव का पोस्टमार्टम कराया है.

संदिग्ध परिस्थितियों में मां-बेटी की मौत
संदिग्ध परिस्थितियों में मां-बेटी की मौत

By

Published : Jun 27, 2020, 1:23 AM IST

बाराबंकी:जिले में मां-बेटी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जबकि पति और दो बेटों की हालत गम्भीर है. इनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. एहतियात के तौर पर मृतका के पति और दोनों बेटों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है. आशंका जताई जा रही है कि फूड प्वाइजनिंग के चलते इनकी हालत बिगड़ी है. फिलहाल मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस ने मां के शव का पोस्टमार्टम कराया है.

मामले की जानकारी देते महंत बाबा परमहंस दास.
सफदरगंज थाना क्षेत्र के करमुल्लापुर गांव में सरजू कश्यप अपने परिवार के साथ रहता है. परिवार में 35 वर्षीय सरजू उसकी पत्नी मालती, 13 वर्षीया बेटी आरती, 7 वर्षीया महिमा, 5 वर्षीय बेटा शिवा, 2 वर्षीय शिवम कुल 6 लोग रहते हैं. गुरुवार को सुबह इन लोगों ने दाल और रोटी खाई. उसके थोड़ी देर बाद आरती की तबियत खराब होने लगी. इसके बाद उसको उल्टी होनी शुरू हो गई, जब तक उसे अस्पताल ले जाया जाता आरती की मौत हो गई.

दोपहर बाद उसका दाह संस्कार कर दिया गया, लेकिन कुछ देर बाद परिवार में महिमा को छोड़कर सबकी तबीयत खराब होने लगी. रात में करीब 9 बजे सभी को जिला अस्पताल लाया गया, जहां शुक्रवार को मालती की भी मौत हो गई. अब सरजू और उसके दोनों बेटों की हालत चिंताजनक बनी हुई है. इनको एहतियात के तौर पर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है.

मूल रूप से कस्बा मसौली के कटरा का रहने वाला सरजू पिछले पांच वर्षों से करमुल्लापुर में रहता है. सरजू मेहनत मजदूरी करके परिवार का पेट पालता है. करीब पांच वर्ष पहले सरजू को आश्रम उदासीन अखाड़ा संगत के महंत बाबा परमहंस दास ने अपने आश्रम से थोड़ी दूर इसे ठिकाना दिया और तब से सरजू यहीं रह रहा है. बुधवार की रात घर में चने की दाल बनी थी. रात में खाना खाकर बची हुई दाल के बर्तन को मिट्टी की बनी डेहरी में रख दिया था. सुबह फिर इसी दाल को इन लोगों ने खाया, लेकिन महिमा ने नहीं खाया. शायद इसलिए महिमा की तबीयत नहीं बिगड़ी. इस वजह से फूड प्वाइजनिंग का अंदेशा लगाया जा रहा है. फिलहाल मालती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामले का खुलासा हो सकेगा.

ये भी पढ़ें-...जब खुद शव वाहन चलाकर पुलिस लाइन पहुंचे बाराबंकी के पुलिस कप्तान

ABOUT THE AUTHOR

...view details