बाराबंकी: कोविड महामारी के चलते बन्द हो चुकी तमाम औद्योगिक इकाइयों को पटरी पर लाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. केंद्र सरकार ने आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (emergency credit line guarantee scheme) के तहत सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई (micro small medium enterprises) विभाग को 3 लाख करोड़ रुपये दिए थे, ताकि छोटी इकाइयों को बंद होने से रोका जा सके. अब एक बार फिर केंद्र सरकार ने डेढ़ लाख करोड़ रुपये दिए हैं, ताकि छोटी औद्योगिक इकाइयों का संचालन सुचारू रूप से होता रहे. इतना ही नहीं ईसीएलजी स्कीम का समय भी बढ़ा दिया गया है. ये कहना है एमएसएमई विभाग के भारत सरकार के राज्यमंत्री भानू प्रताप सिंह वर्मा का. राज्यमंत्री भारत सरकार सोमवार को बाराबंकी में क्षेत्रीय श्रीगांधी आश्रम में संचालित हो रही इकाइयों का निरीक्षण करने आए थे.
संचालित इकाइयों का किया निरीक्षण
क्षेत्रीय श्रीगांधी आश्रम में साबुन उद्योग, अगरबत्ती उद्योग, कताई, रंगाई और छपाई जैसी दर्जनों छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां संचालित हो रही हैं. कोविड महामारी के दौरान इन इकाइयों पर भी खासा असर पड़ा. सोमवार को भारत सरकार के एमएसएमई विभाग के राज्यमंत्री इन इकाइयों की स्थिति जानने आए थे. इन इकाइयों का निरीक्षण कर राज्यमंत्री काफी संतुष्ट दिखे, हालांकि उन्होंने कहा कि इन इकाइयों के संचालन में जो भी दिक्कतें होंगी उन्हें दूर किया जाएगा.
40 वर्षों में कई उतार-चढ़ाव से गुजरा है गांधी आश्रम
19 एकड़ में फैले इस आश्रम की स्थापना 1980 में अकबरपुर क्षेत्र से विकेंद्रित होकर हुई थी. इन 40 वर्षों में संस्था ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. वर्ष 98 तक गांधी आश्रम की यूनिट पीक पर थी लेकिन, नीतियों में जब तब हुए परिवर्तन ने खादी संस्थाओं में खासा असर डाला. ऐसे में यह संस्था भी काफी प्रभावित हुई, हालात यह हुए कि संस्था लाखों के घाटे में चली गई.