बाराबंकी: नई आरक्षण नीति के तहत ग्राम पंचायतों के किए गए आरक्षण के बाद आपत्तियां दर्ज कराने का दौर शुरू हो गया है. कोई पिछड़ा वर्ग के रैपिड सर्वे का ब्यौरा मांग रहा है तो किसी ने गलत तरीके से ग्राम पंचायत का आरक्षण करने पर आपत्ति जताई है. ब्लॉक से लेकर डीपीआरओ कार्यालय तक 5 लोगों ने लिखित और मौखिक आपत्तियां दर्ज कराई हैं.
ग्राम पंचायत चुनाव के लिए जारी आरक्षण पर उठे सवाल - आरक्षण पर दर्ज हुई आपत्तियां
ग्राम पंचायत चुनाव के लिए जारी आरक्षण पर आपत्तियां दर्ज करने का दौर शुरू हो गया है. बारांबकी में अभी तक ब्लॉक से लेकर डीपीआरओ कार्यालय तक 5 लोगों ने लिखित और मौखिक आपत्तियां दर्ज कराई हैं.
जिला अधिकारी ने 1161 ग्राम पंचायतों की आरक्षण सूची जारी की थी. ब्लॉकों पर यह सूची चस्पा होने के बाद आरक्षण में सीट चली जाने पर आपत्तियां आना शुरू हो गई हैं. डीपीआरओ कार्यालय पहुंचे श्रवण कुमार ने डीपीआरओ रणविजय सिंह के समक्ष कहा कि उन्हें रैपिड सर्वे का ब्यौरा चाहिए. आखिर कौन सा फार्मूला लगाकर ग्राम पंचायत गंजरिया की सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित हुई है.
फतेहपुर ब्लॉक दुर्गेश कुमार ने शिकायत पत्र देकर बताया कि 2015 में बनी ग्राम पंचायत रीवा चपरी सामान्य थी. 96 ग्राम पंचायतों में से 22 सीटें ही एससी वर्ग की रखी गई हैं. इस वर्ग का आरक्षण 21% से अधिक किया गया है, जबकि पिछड़ा वर्ग की 27% आरक्षण के अनुसार 26 पद ही रखे गए हैं.